महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि यह जानना कि विरोध प्रदर्शन करने का सही समय क्या है और संवाद कब बेहतर विकल्प है, यह एक सच्चे नेता की पहचान है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनका बयान मई में सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किए गए मराठा कोटा के कार्यान्वयन में कानूनी बाधाओं के बाद आया है और कानूनी समाधान खोजने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान सड़कों पर विरोध प्रदर्शन से बचना चाहिए, और ''विरोध कब करना है और कब संवाद करना है, इस पर उचित निर्णय लेना एक सच्चे नेता की पहचान है।
"कोरोना संकट सिर्फ महाराष्ट्र में नहीं है, बल्कि दुनिया में है। लेकिन संघर्ष को सड़कों पर ले जाना, न्याय के लिए रैली करना और वायरस फैलाना नेतृत्व की निशानी नहीं है। एक सच्चा नेता वह है जो देश की रक्षा करता है। उसके आसपास का समाज। आर्थिक आरक्षण, राजनीतिक आरक्षण, नौकरी में आरक्षण न्याय की तरह है। जैसे, हमें एक ऐसे नेता की जरूरत है जो समाज के स्वास्थ्य की परवाह करे। भीड़, ताकत दिखाने और फिर वायरस फैलाने से कोई फायदा नहीं होगा। सच्चा नेता वह है जो जानता है कि कब संघर्ष करना है और कब संवाद करना है।"
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मंत्री हसन मुश्रीफ शाहू छत्रपति और अशोक चव्हाण की मौजूदगी में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आज कोल्हापुर में सारथी उपकेंद्र का उद्घाटन किया गया।
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