दिल्ली: अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए ट्रम्प प्रशासन भारत के साथ हाथ मिलाना चाहता है, साथ ही वह म्यांमार पर उनकी सुरक्षित और स्वैच्छिक वापसी के लिए दबाव बनाना चाहता है.
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक म्यांमार के रखाइन प्रांत में सुरक्षा बलों द्वारा मुसलमानों के खिलाफ पिछले वर्ष 25 अगस्त को अभियान शुरू करने के बाद से करीब 6,00,000 से अधिक रोहिंग्या मुसलमान सीमा-पार कर बांग्लादेश चले गए थे. बांग्लादेश और म्यामांर पिछले साल नवम्बर में राखाइन प्रांत में रोहिंग्या शरणार्थियों की स्वैच्छिक वापसी के लिए सहमत हो गए थे, लेकिन यह प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. अमेरिकी प्रशासन के अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि अमेरिका की भारत के साथ ज्यादा करीबी से काम करने की इच्छा है और खुद भारत भी इस समस्या का समाधान चाहता है.
बता दें कि अमेरिका जनसंख्या, शरणार्थी और प्रवासी मामलों के कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री साइमन हेन्शॉ ने शरणार्थियों की सहायता के लिये बांग्लादेश सरकार, उसके लोगों और अन्य संगठनों की सराहना की.
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