नई दिल्ली. ट्रम्प ने प्रेसिडेंट बनने के लिए अपनी नीतियों में स्पष्ट कर दिया था की वह अमेरिका का बिज़नेस दूसरे देशो में जाने नहीं देगे, किन्तु प्रेसिडेंट बनने के बाद भी भारत अभी इस वार से बचा हुआ है. सिर्फ भारत ही नहीं इंडोनेशिया, मलेशिया और वियतनाम भी इस फेहरिस्त में शामिल है. संभव है की आने वाले समय में भारत सहित ये सभी देश ट्रम्प की नीतियों का शिकार बने.
अमेरिका इन सभी देशो के साथ बहुत अधिक व्यापारिक घाटे में है. ब्लूमबर्ग में छपी रिपोर्ट के अनुसार, ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका 12 देशों की ट्रांस पसिफ़िक पार्टनरशिप से बाहर आ गए और उसने जापान, चीन और साउथ कोरिया की ट्रेड पालिसी पर वार किया है. अमेरिका टैक्स प्रणाली में सुधार करने वाला है, अमेरिका अपने आयातों पर अतिरिक्त टैक्स लगा सकता है.
ट्रम्प की इन नीतियों के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर चिंता जताई जा रही है. अमेरिका को जिन देशों के साथ ट्रेड में नुकसान मिल रहा है, वह देश सीधे तौर पर प्रभावित होंगे. ट्रम्प की नेशनल ट्रेड कॉउंसिल के प्रमुख पीटर नैवारो और कॉमर्स सेक्रेटरी विलबर रॉस ने बीते वर्ष एक अख़बार प्रकाशित किया था, जिसमे उन्होंने अमेरिका की ट्रेड पालिसी को लेकर कड़ी आलोचना की थी. माना जा रहा है की एशिया के लगभग सारे देश अमेरिका को बहुतायत मात्रा में निर्यात करते है, जिस कारण ट्रम्प इस नीति पर सख्त रवैया अपना सकते है.
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