12 साल से कम उम्र की लड़कियों से रेप के मामलों में दोषियों के लिए मौत की सज़ा के प्रावधान पर प्रतिक्रिया का दौर शुरू हो चूका है और इस क्रम में शनिवार को हैदराबाद में आयोजित मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के 22वें सम्मेलन में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) की नेता वृंदा करात ने बीजेपी सरकार के फैसले की निंदा करते हुए कहा है कि यह जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ रेप करने वालों को सरकार द्वारा बचाने के मामले से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश है.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के 22वें सम्मेलन में वृंदा करात ने ये बातें हैदराबाद में कही . उन्होंने कहा संविधान में रेयरेस्ट ऑफ द रेयर (दुर्लभतम) मामलों में पहले से ही मौत की सजा का प्रावधान है.उन्होंने कहा, "सैद्धांतिक तौर पर सीपीएम मौत की सज़ा के खिलाफ है. हालांकि, इस केस में असल मसला यह है कि सरकार आरोपियों को बचा रही है." जानकारी के मुताबिक, सीपीएम की बैठक में एक प्रस्ताव पास कर कठुआ और उन्नाव में रेप की घटनाओं की कड़ी निंदा की गई.
गौरतलब है कि पाक्सो एक्ट में संधोधन को कैबिनेट ने मंजूरी देते हुए शुक्रवार को नाबालिगों से रेप के मामले में दोषी को फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है. द्वारा मंजूर कर लिया गया.
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