हिन्दू धर्म में तुलसी का विशिष्ट स्थान है .यह पर्यावरण तो सुधारती ही है.देव पूजा और श्राद्ध कर्म में भी तुलसी को जरुरी माना गया है.तुलसी का दर्शन पापनाशक और पूजन को मोक्षदायक माना गया है. तुलसी पत्र से पूजा करने से व्रत, यज्ञ, जप, होम, हवन करने का पुण्य मिलता है.
अभी पुरुषोत्तम मास चल रहा है .इस पुण्यदायी माह में अलसुबह स्नान करके तुलसी के पौधे की पूजा व परिक्रमा करनी चाहिए.फिर घर के एकांत स्थान में पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठें, गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाकर तुलसी की माला से 108 बार इस मंत्र का जाप करें.11 माला का जाप एक ही स्थान पर बैठकर करना अत्यंत शुभ फलदायी माना गया है. तुलसी नामाष्टक मंत्र यह है -
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
यदि आपकी घर में धन-वैभव, सुख-समृद्धि और निरोग रहने के साथ-साथ मोक्ष की प्राप्ति की कामना है तो प्रति दिन तुलसी का पूजन करने और तुलसी नामाष्टक मंत्र का पाठ करने से जीवन की सभी व्याधियों का नाश होकर जीवन में पुण्यकर्म का उदय होता है.
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