दुनियाभर में कई त्यौहार हैं जो मनाए जाते हैं. ऐसे में पूरे भारत में 7 अगस्त, 2019 को तुलसीदास जयंती का पर्व मनाया जाने वाला है लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसीदास जी भक्ति परंपरा के महान कवि माने जाते हैं. जी हाँ, तुलसीदास जी का जन्म श्रावण शुक्ल सप्तमी को राजापुर में हुआ था, वह भगवान राम के परम भक्त थे और उन्होंने कई ऐसी पंक्तियाँ लिखी थीं जिन्हे पढ़ते ही जीवन का उद्धार हो जाता है. तो आइए जानते हैं उन पंक्तियों को. जी दरअसल रामचरित मानस अवधी भाषा में लिखी हुई "रामायण" है और इसकी एक-एक पंक्ति मंत्र के समान प्रभावशाली मानी जाती है. इसी के साथ इसके अलग अलग अध्याय भी अलग से पढ़े जाते हैं और केवल यही नहीं, विशेष मनोकामनाओं के लिए इसके अलग अलग पंक्तियों का पाठ करना भी उत्तम माना जाता है. कहते हैं रामचरितमानस पढ़ने में सरल तो होते ही हैं व साथ ही इनका प्रभाव भी अचूक होता है. तो आइए जानते हैं रामचरित मानस की वह पंक्तियाँ जो अलग-अलग लाभ देती है.
1. रोजगार की प्राप्ति के लिए-
"बिस्व भरण पोषण कर जोई, ताकर नाम भरत अस होई"
2. विपत्ति निवारण के लिए-
"जपहि नामु जन आरत भारी, मिटाई कुसंकट होई सुखारी"
3. विद्या प्राप्ति के लिए-
"गुरु गृह पढ़न गए रघुराई, अलप काल विद्या सब आयी"
4. विवाह और सुयोग्य वर के लिए-
"सुनु सिय सत्य असीस हमारी, पूजहि मनकामना तुम्हारी"
5. रोग नाश के लिए-
"दैहिक, दैविक, भौतिक तापा, राम राज नहीं काहूंहि व्यापा"
6. जब जीवन में सारे रास्ते बंद हो जाएं-
"दीन दयाल विरदु सम्भारी, हरहु नाथ मम संकट भारी"
7. ईश्वर की प्राप्ति और भगवत कृपा के लिए-
"कामिहि नारी पियारी जिमी, लोभी प्रिय जिमि दाम"
तेहि रघुनाथ निरंतर, प्रिय लागहु मोहि राम"
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