नई दिल्ली: तुर्की में विनाशकारी भूकंप से मची तबाही में राहत और बचाव कार्य हेतु गए NDRF के जवानों ने बताया है कि कैसे वहां के लोगों ने भारत की प्रशंसा की। पीएम नरेंद्र मोदी से तुर्की का अनुभव साझा करते हुए NDRF जवानों ने बताया है कि वहां लोगों ने हमें दिल से दुआएं दीं और लौटते समय रोते हुए हमें विदा किया। एक जवान ने प्रधानमंत्री को बताया कि, 'मैं राउंड ले रहा था तो एक मरीज का परिजन समझ गया कि मैं यहां का कमांडिंग ऑफिसर हूं। उसने मेरा हाथ पकड़ा और उसे चूम लिया। फिर उसने पूछा कि क्या आप समझ सकते हैं कि इसका क्या मतलब है। मैंने कहा कि आप मुझे सम्मान दे रहे हैं। इस पर तुर्की के उस नागरिक ने कहा कि नहीं, इसका मतलब है कि आप मेरे लिए पिता समान हैं।'
I will always remember this interaction with those who took part in ‘Operation Dost.’ pic.twitter.com/RYGDuEn6wW
— Narendra Modi (@narendramodi) February 21, 2023
NDRF कर्मी ने आगे बताया कि, 'उस युवक ने कहा कि मैं इस देश की युवा पीढ़ी हूं और मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि आने वाली पीढ़िया याद रखेंगी कि आप लोगों ने हमारे देश के लिए क्या किया है।' वहीं एक महिला अधिकारी ने प्रधानमंत्री को बताया कि एक महिला ने उनसे कहा कि 'मेरे लिए सबसे पहले अल्लाह है और आज की तारीख में दूसरे नंबर पर आप हो।' इस दौरान NDRF कर्मियों ने डॉग स्क्वायड की तरफ से की गई मदद का भी उल्लेख किया। एक अधिकारी ने बताया कि हमने मलबे की ओर जूली (NDRF Dog) को भेजा, जिसने भौंककर इस बात का संकेत दिया कि वहां नीचे कोई जीवित है। इसके बाद रोमियो (NDRF Dog) ने भी इस बात की पुष्टि की।
वहीं, एक अफसर ने प्रधानमंत्री को बताया कि किस तरह उन्होंने 104 घंटे के बाद भी लोगों को मलबे से जिंदा निकाला। उन्होंने कहा कि हमारे लिए तालियां काफी लोगों ने सुनीं, मगर जब हम वापस आ रहे थे, तो तुर्की के लोग रो रहे थे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का दल जब तिरंगा लेकर पहुंचता है, तो विश्व को यह भरोसा हो जाता है कि अब मदद मिलेगी। यही कारण है कि पूरे विश्व में आज भारत को सौहार्द की नजर से देखा जाता है।
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