नई दिल्ली। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन भारत के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने एनएसजी में भारत की भागीदारी और भारत और तुर्की के कई महत्वपूर्ण मसलों पर बात की। उन्होंने तुर्की को भारत व पाकिस्तान दोनों ही देशों का एक अच्छा दोस्त बताया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कश्मीर एक विवादित मसला है लेकिन कश्मीर में हिंसा और मौत नहीं होना चाहिए। इन दोनों ही देशों को इस परेशानी का हल निकालना चाहिए।
इसका समाधान दो पक्षीय नहीं बल्कि विभिन्न पक्षों की बातचीत से संभव है। उनका कहना है कि वह भी बातचीत में शामिल होने के लिए तैयार हैं। एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि कश्मीर समस्या का समाधान न सिर्फ भारत और पाकिस्तान के लिए बेहतर होगा बल्कि पूरी दुनिया के लिए अच्छा होगा। राष्ट्रपति इर्दोगन ने एनएसजी यन्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत की सदस्यता का समर्थन किया है।
उनका कहना था कि आतंकी संगठन फेतुलाह गुलेन के सदस्य भारत में प्रवेश कर चुके हैं। दरअसल एर्दोगन इस कुर्दिश विद्रोह के लिए आतंकी संगठन फेतुलाह गुलेन को उत्तरदायी मानते हैं।भारत को इस संगठन के विरूद्ध कार्रवाई करनी होगी। इस मामले में विदेश मंत्रालय की सचिव रूचि घनश्याम द्वारा कहा गया कि तुर्की द्वारा उन्हें आधिकारिकरूप से आतंकी संगठन के भारत में मौजूद होने की बात बताई गई थी।
गौरतलब है कि एर्दोगन को लेकर 15 जुलाई को सेना ने उनके विद्रोह कर दिया था। उन्हें देश से बाहर भागना पड़ गया था मगर बाद में वे फिर सत्ता के शीर्ष पायदान पर पहुंचे। तुर्की की चिंतातुर्की राष्ट्रपति पहले ही कह चुके हैं कि संगठन के सदस्य भारत में घुसपैठ कर गए हैं। उनकी मांग है कि उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएए लेकिन विदेश मंत्रालय की सचिव रुचि घनश्याम का कहना है कि तुर्की ने उन्हें आधिकारिक तौर पर आतंकी संगठन के भारत में होने की जानकारी दी है।
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