नई दिल्ली: देश विरोधी गतिविधियों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार द्वारा कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर बैन लगाने के बाद भी सोशल मीडिया साइट ट्विटर (Twitter) पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। ट्विटर PFI के हैंडल्स को अभी भी ब्लू टिक देकर उसे एमिनेंट (प्रख्यात) का दर्जा दिए हुए है। PFI का यह हैंडल कर्नाटक विंग का है। Popular Front – Karnataka नाम के ट्विटर अकाउंट से 27 सितंबर 2022 की रात को PFI के नेताओं को रिहा करने की माँग भी की गई है।
Let's stand with our #HeroesOfUmmah
— Popular Front -Karnataka (@PFIkarnataka) September 27, 2022
The fight against fascism they put forward will always remain the same.#StandWithPFI #ReleasePFILeaders #IndiaWithPFI #WeWithPFI pic.twitter.com/1FnoBys5th
सरकार द्वारा प्रतिबंधित (PFIcrackdown) किए जाने के बाद लगाने के बाद भी ट्विटर द्वारा कर्नाटक PFI के हैंडल से ब्लू टिक नहीं हटाने पर सोशल मीडिया यूजर्स ने Twitter के भारत विरोधी रुख की आलोचना की है। लेखक आनंद रंगनाथन ने भी इसको लेकर ट्विटर को निशाने पर लिया है। रंगनाथन ने कहा है कि, 'यह अविश्वसनीय है कि आतंकी गतिविधियों को लेकर PFI पर बैन लगने के बावजूद @Twitter ने अभी भी @PFIkarnataka को न सिर्फ उसकी सत्यापित (Verified) स्थिति बनाए को बरक़रार रखा है, बल्कि अपने ही नियमों का उल्लंघन करते हुए भारत विरोधी और इस्लामवादी प्रचार भी फैला रहा है।”
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने जब सोशल मीडिया की जवाबदेही निर्धारित करने की बात कही थी, तो इसी ट्विटर ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके पहले भारत विरोधी कंटेंट को हटाने के लिए भारत सरकार द्वारा बार-बार निर्देश देने के बाद भी ट्विटर किसान आंदोलन के वक़्त उन कंटेंट को नहीं हटा रहा था। इसी साल मार्च में दिल्ली उच्च न्यायालय, Twitter को लताड़ लगा चुका है। अदालत ने कहा था कि हिंदू देवी-देवताओं को गाली देने वाले हैंडल को ट्विटर ब्लॉक नहीं करता, जबकि अन्य मजहब के प्रति यदि कोई हैंडल ऐसा करता है तो उस पर वह फ़ौरन कार्रवाई करता है।
Quite incredible that, despite the ban on PFI for its terror activities and associations, @Twitter is still allowing @PFIkarnataka to not only maintain its verified status but also disseminate blatant anti-India, Islamist propaganda, clearly violating its own rules. @Rajeev_GoI https://t.co/zm6FTsjyfd
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) September 28, 2022
बता दें कि, यह वही Twitter है, जो लद्दाख (Ladakh) को चीन का हिस्सा बता चुका है। बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हुए अत्याचारों को दिखाने वाले ट्विटर हैंडल बैन कर चुका है। ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलन और महसा अमिनी (Mahsa Amini) की मौत की खबर देने वाली जर्नलिस्ट के हैंडल को भी ट्विटर बैन कर चुका है। भारत में भी आरती टीकू ने जब ट्विटर पर अपने भाई को इस्लामी आतंकियों द्वारा जान का ख़तरा बताया था, तो ट्विटर ने उनका ट्वीट भी डिलीट कर दिया था। ट्विटर का यह दोहरा रवैया भारत विरोधी और हिंदू विरोधी दोनों है, स्पष्ट शब्दों में कहा जाए तो ट्विटर अब खुलकर आतंकियों का साथ देने लगा है।
भारत और हिन्दुओं के खिलाफ 'अल जजीरा' ने फिर उगला जहर, जानिए क्या बोला 'आतंक' समर्थित मीडिया ?
'RSS पर भी लगे प्रतिबंध...' PFI बैन पर आया लालू यादव का बड़ा बयान
युवक के पेट से निकली स्टील की 62 चम्मच, ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर्स भी हैरान