नई दिल्ली: जहाँ एक ओर बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे हमलों को वहाँ की मीडिया छिपाने का काम कर रही है, वहीं अब सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर से ‘इस्कॉन बांग्लादेश’ और ‘बांग्लादेश हिन्दू यूनिटी काउंसिल’ के हैंडल्स ही हटा दिए गए हैं। हालाँकि अभी तक ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि इन हैंडल्स को सस्पेंड किया गया है या फिर डीएक्टिवेट। ये दोनों ही बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे जुल्म व हिंसक हमलों की ख़बरों को विश्व के सामने ला रहे थे और इन्साफ माँग रहे थे। यहाँ सवाल ये उठता है कि यदि इन ट्विटर हैंडल्स से कुछ गलती हुई भी थी तो इन्हें सस्पेंड क्यों कर दिया गया?
क्योंकि यदि एकाध घटनाओं में इनका वर्जन भले ही बांग्लादेश की सरकार से भिन्न रहा हो, मगर ये दोनों ही हैंडल्स तस्वीरों और विडीयोज के जरिए बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को विश्व के समक्ष रख रहे थे। एक तरफ मुस्लिमों की उन्मादी भीड़, हिंदू अल्पसंख्यकों पर जुल्म कर रही है, वहीं दूसरी तरफ ट्विटर उन्हें अपनी बात ऑनलाइन नहीं रखने दे रहा है। ‘वर्ल्ड हिन्दू फेडरेशन (WHF)’ के बांग्लादेश चैप्टर द्वारा दिए गए आँकड़ों के मुताबिक, 33 जिलों में 335 मंदिरों पर हमले किए गए हैं। ये हिंसा के शुरूआती 4 दिन, ये 13-17 अक्टूबर, 2021 तक के ही आँकड़े हैं। ऐसी घटनाएँ अब भी बदस्तूर जारी हैं। मंदिरों से सभी चीजें न केवल लूट ली गईं, बल्कि मूर्तियॉं को भी तोड़ दिया गया।
WHF ने बताया है कि कुल 1800 हिन्दुओं की दुकानों अथवा प्रतिष्ठानों को आग लगा दी गई है। कॉमिला, चाँदपुर, नोआखली, चटगाँव, कोष बाजार, फेनी, चपई, नवाबगंज और रंगपुर में मामला सबसे अधिक हिंसक हो गया। जिन एक दर्जन हिन्दुओं का क़त्ल हुआ है, उनमें 7 पुजारी थे। 23 महिलाओं और लड़कियों के साथ दुष्कर्म की बात कही जा रही है। WHF का कहना है कि एक परिवार में तो एक साथ तीन महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ है। अकेले रंगपुर के पीरगंज में 300 हिन्दुओं के घरों में लूटपाट हुई व कइ घर जला दिए गए। ‘वर्ल्ड हिन्दू फेडरेशन’ ने कहा है कि वो उन पीड़ित हिन्दुओं के साथ खड़ा है, जिन्हें तत्काल मदद की आवश्यकता है।
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