दुनिया की दिग्गज माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर द्वारा फेक न्यूज को रोकने के लिए लिए ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और इंडिया में पॉलिटिकल ऐड ट्रैकिंग टूल लांच किया गया है. बताया जा रहा है कि यह काफी हद तक इस काम में सफल साबित होगा. जानकारी के मुताबिक, अब इस टूल की मदद से ट्विटर पर प्रमोट किए जा रहे कंटेट के लिए किसने पे किया है इस बात की जानकारी यूजर को मिल सकेगी. मतलब यह है कि अब इस पॉलिटिकल ऐड ट्रैकिंग टूल की मदद से यूजर्स ट्विटर के ट्रांसपरेंसी सेंटर पर विज्ञापन सत्यता की जांच कर सकेंगे.
आपको जानकरी के लिए बता दें कि बीते कुछ समय से फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर पर फेक न्यूज पर रोक लगाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. जहां अब ट्विटर ने यह बड़ा कदम उठा लिया है. दूसरी ओर जानकारी यह भी है कि इसे लेकर दिग्गज माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर आरोप लगा था कि वह यूजर्स द्वारा शेयर किए गए कई मेसेज को स्टोर कर लती है और एक ऑनलाइन रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्विटर द्वाराअपने यूजर्स के मेसेज को लंबे समय तक स्टोर करके रखा जाता है. खबर है कि इनमे ऐसे मेसेज भी शामिल हैं जिन्हें यूजर्स डिलीट कर देते हैं. लेकिन फिर बह ऑय ट्विटर के पास रहते हैं.
दूसरी ओर यह भी बताया गया है कि ट्विटर उन डाटा को भी स्टोर करती है जो डिलीट हुए अकाउंट्स द्वारा कभी शेयर या रिसीव किए थे. जानकारी के मुताबिक़, इससे पहले व्हाट्सएप ने भी फॉरवर्ड फीचर को बस पांच कॉन्टैक्ट्स तक लिमिट कर दिया था, जिससे एक ही मेसेज पांच से ज्यादा लोगों को फॉरवर्ड न किया जा सके. यह कदम whatsapp ने हाल ही एमए उठया है, इससे भी फेक न्यूज में कमी आएगी.
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