किशनगंज: बिहार में कोई भी ऐसा दिन नहीं जब किसी न किसी मसले पर राजनीतिक बयानबाजी ना हो। ताजा घटना किशनगंज की है, जहां के विद्यालयों में रविवार की जगह जुमे की नमाज के लिए शुक्रवार को अवकाश घोषित कर दिया गया है। इस मामले ने बिहार में राजनीतिक पारा गरम कर दिया है। इस मामले में बिहार सरकार के मंत्री आमने-सामने आ गए हैं। इस राजनीतिक युद्ध में अब नीतीश कुमार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सामने आ गए हैं।
मंत्री जमा खान ने कहा कि उर्दू विद्यालयों में शुक्रवार को ही अवकाश होना चाहिए, क्योंकि यह नियम बहुत दिनों से चला आ रहा है। हालांकि जब उनसे पूछा गया कि यह कब से हो रहा है तो वह इसका जवाब नहीं दे पाए। बाद में उन्होंने कहा कि इस पर झूठ-मूठ की राजनीति हो रही है। मंत्री जमा खान के बयान पर कानून मंत्री प्रमोद कुमार ने पलटवार किया कि भारत मजहबी लड़ाई पर नहीं चलता है। उन्होंने कहा कि भारत में संविधान चलता है। रविवार बंद तो रविवार बंद। जब तक नया आदेश नहीं आता है तब तक जो पद्धति बनी हुई है, उसमें छेड़छाड़ किस बात की।
वहीं अल्पसंख्यक आयोग ने विद्यालयों में शुक्रवार को अवकाश को लेकर कहा कि उसने शिक्षा विभाग को तीन चिट्ठी लिखकर यह मांग की है कि शुक्रवार को ही उर्दू विद्यालय में अवकाश होती है। सरकार इसे लेकर आदेश जारी करे कि उर्दू विद्यालयों में शुक्रवार को ही अवकाश रहेगा। विभाग ने बताया कि संस्कृत कॉलेजों में प्रतिपदा एवं अष्टमी के दिन अवकाश रहता है। वहीं उर्दू विद्यालय में शुक्रवार को अवकाश रहता है ऐसे में समस्या और राजनीति होने की कोई वजह ही नहीं बनती है। आयोग के सूचना जनसंपर्क अफसर फारूकी जमा ने कहा कि आयोग ने सरकार को चिट्ठी लिखी है। निर्देश का इंतजार है। हमने सरकार को भी बताया है कि शुक्रवार को उर्दू विद्यालय में अवकाश होता रहा है इसलिए इसे लेकर एक दिशा निर्देश जारी करें जिससे इसमें कोई राजनीति ना हो।
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