भारत में सभी वाहनों पर 1 अप्रैल से बीएस-4 मानूक लागू होने वाला है। लेकिन सरकार ने इसके अलावा ये भी कहा था कि अप्रैल से बीएस-3 व्हीकल्स बाजार में नही बेची जाएगा जो वाहन कंपनी के लिए चिंता का विषय बन गया था। लेकिन अब केंद्र सरकार भी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के सपोर्ट करते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा कि बीएस-3 मानक वाले व्हीकल्स को 1 अप्रैल 2017 के बाद बेचने की मंजूरी मिलनी चाहिए। कोर्ट इस बात का फैसला अगली सुनवाई करेगी कि ये वाहन बिकेगें या नहीं।
आपको बता दे कि अगर इन वाहनों को बेचने की इजाजत नही देती है तो ऐसी कई कंपनी है जिन्हें इसका भारी नुकसान उठाना पड़ सकता हैं। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युकफैक्चेरर्स (सिआम) के व्दारा जारी आंकड़ों के तहत टोटल अनसॉल्ड बीएस-3 टू-व्हीआलर का आंकड़ा 6.71 लाख यूनिट्स है। टोटल इन्वेंकटरी में भी इन दो कंपनियों की हिस्सेिदारी 80 फीसदी से भी ज्यादा है। हीरो मोटोकॉर्प के पास करीब 2.90 लाख यूनिट्स अनसॉल्ड हैं और होंडा के पास के करीब 2.50 लाख हैं। वहीं, बजाज ऑटो के पास बीएस-3 नॉर्म्स के 80 हजार यूनिट्स हैं।
बता दे कि हीरो मोटोकॉर्प के अधिकारियों का कहना है कि बीएस-3 मॉडल्स के लिए दो महीने की इन्वेंटरी है। दिल्ली के एक हीरो मोटकॉर्प के डीलर ने भी इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि इन्वेंटरी काफी ज्या्दा है जो कि फाइनेंशियल ईयर के अंत तक खत्मे नहीं हो सकता। इसके अलावा 1 अप्रैल के बाद भी बीएस-3 इन्वेंटरी को बेचने और रजिस्ट्रेशन के पक्ष में टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अशोक लीलैंड कंपनियां हैं। इन कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में अनसॉल्ड इन्वेंटरी की जानकारी भी दी है।
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