पटना: बिहार की राजधानी पटना में 23 जून 2023 को हो रही विपक्षी पार्टियों की बैठक से पहले विपक्षी नेताओं की मिलनसार राजनीति देखने को मिली। एक तरफ जहाँ तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो और बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी के साथ पटना पहुँच RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पाँव छुए। वहीं, दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी (AAP) ने विपक्षी एकता की कोशिशों को झटका देते हुए कांग्रेस को अल्टीमेटम दे दिया है। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों से हवाले से कहा गया है कि AAP ने कहा है कि यदि दिल्ली अध्यादेश पर कांग्रेस समर्थन नहीं देती है तो उनकी पार्टी विपक्षी बैठक का बहिष्कार करेगी।
If Congress won’t assure support against Centre’s ordinance in the Patna opposition meet, then Aam Aadmi Party to walk out of the meeting: AAP sources
— ANI (@ANI) June 22, 2023
AAP की धमकी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने कहा है कि, 'यदि वह बैठक में शामिल नहीं होते हैं, तो कोई भी केजरीवाल को याद नहीं करेगा। हम शुरू से जानते थे कि वह (केजरीवाल) इस बैठक में न जाने के बहाने खोज रहे थे।' बता दें कि केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच बहुत समय से दिल्ली में अधिकारों को लेकर लड़ाई चल रही थी। सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई करते हुए अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दे दिया था। मगर, फिर केंद्र सरकार ‘राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण’ अध्यादेश ले आई। अब इसी मामले में AAP सुप्रीमो केजरीवाल देश भर में घूम-घूमकर विपक्षी नेताओं से समर्थन माँग रहे हैं, ताकि यह अध्यादेश को पास होने से रोक सकें।
No one will miss him (Arvind Kejriwal) if he doesn't attend the meeting. We always knew that he was searching for excuses to not go to this meeting. Also, he must have got an order from the higher-ups to not take part in the meeting: Congress leader Sandeep Dikshit, on AAP… pic.twitter.com/VmaYRtsXKZ
— ANI (@ANI) June 22, 2023
बता दें कि, इससे पहले केजरीवाल विपक्षी दलों को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर चर्चा करने की माँग भी कर चुके हैं, जबकि बिहार कोंगर्स के अध्यक्ष और सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा था कि केजरीवाल का अध्यादेश का मुद्दा अहम नहीं है। असली मुद्दा है कि भाजपा को कैसे सत्ता से हटाया जाए। वहीं जब केजरीवाल ने कांग्रेस सुप्रीमो खड़गे से इस संबंध में समर्थन माँगने के लिए वक़्त माँगा, तो उन्हें वो समय भी नहीं मिला।