लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट की एक बेंच ने मोहम्मद जुबैर की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। यह याचिका यूपी पुलिस द्वारा दर्ज एक FIR के खिलाफ दायर की गई थी। बेंच में जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी और जस्टिस प्रशांत कुमार शामिल थे, लेकिन उन्होंने किसी कारण का खुलासा किए बिना इस मामले की सुनवाई से हटने का निर्णय लिया। अब यह मामला किसी अन्य बेंच को सौंपा जाएगा।
मोहम्मद जुबैर, जो विवादित पोर्टल "ऑल्टन्यूज" के सह-संस्थापक हैं, पर गाजियाबाद में दर्ज FIR में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। FIR के अनुसार, जुबैर ने यति नरसिंहानंद की एक पुरानी वीडियो सोशल मीडिया पर साझा की, जिससे मुस्लिम समुदाय के बीच आक्रोश भड़का। इसके परिणामस्वरूप डासना मंदिर पर भीड़ इकट्ठा हुई और तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई। आरोप है कि इस घटना से लोगों की जान पर भी खतरा मंडराया।
1 केस , 1 बाहुबली और 11 जज !!
— Panchjanya (@epanchjanya) April 13, 2023
जब अतीक के केस से हट गए थे 10 न्यायाधीश !!
ये कहानी साल 2012 की है... जब अतीक अहमद जेल में बंद था !! pic.twitter.com/6W5nIweFBa
इस फैसले ने हाई कोर्ट के पहले के एक चर्चित मामले की याद दिला दी है, जब बाहुबली अतीक अहमद के मामले में 10 जजों ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। उस मामले में 11वें जज ने सुनवाई करते हुए अतीक को जमानत दी थी। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या मोहम्मद जुबैर के मामले में भी अदालतों पर वैसा ही दबाव है ?
जुबैर के वकील का कहना है कि उनके मुवक्किल को यूपी पुलिस द्वारा जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने अदालत से इस FIR को खारिज करने की मांग की थी। अदालत के निर्णय के बाद अब इस मामले की सुनवाई नई बेंच में होगी।
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