कोलंबो : श्री लंका में राजनैतिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा संसद के स्पीकर कारू जयसूर्या द्वारा महिंदा राजपक्षे को विपक्ष के नेता के तौर पर स्वीकृति देने के कदम से नया विवाद पैदा हो गया है। इस पर मुख्य तमिल पार्टी के नेता ने बुधवार को बताया कि विपक्ष के नेता के पद पर अब दो लोग हो गए हैं। बता दें जयसूर्या ने मंगलवार को संसद में मुख्य विपक्षी नेता के तौर पर 73 वर्षीय राजपक्षे की नियुक्ति की घोषणा की।
पद से हटाए बगैर की घोषणा
प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ दिनों पूर्व राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। वह करीब दो महीने प्रधानमंत्री पद पर रहे। आपको बता दें संपंतन 2015 से इस पद पर थे। उन्होंने बताया कि स्पीकर ने उन्हें पद से हटाए बगैर यह घोषणा की है। साथ ही उन्होंने कहा, ‘इसलिए अब संसद में विपक्ष के दो नेता दिखेंगे।’ बता दें संपंतन मुख्य तमिल पार्टी तमिल नैशनल अलायंस पार्टी के नेता हैं।
जल्दबाजी में लिया गया फैसला
साथ ही उन्होंने वर्तमान राजनीतिक संकट का हवाला देते हुए कहा, ‘इसने मामले को और जटिल बना दिया है।’ संपंतन ने दलील दी कि राजपक्षे 2015 में जिस पार्टी से वह बतौर सांसद चुने गये थे, उससे अलग होने के कारण अब उनकी संसद की सदस्यता खत्म हो गई है। संपंतन ने स्पीकर से कहा, ‘आपका फैसला जल्दबाजी में लिया गया है और यह संविधान का उल्लंघन है।
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