अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के आतंकवाद-रोधी दस्ते (एटीएस) ने शाहनवाज और रिजवान जैसे आतंकवादी शख्सियतों से संबंध रखने वाले दो व्यक्तियों को पकड़ा, जिन्हें पहले दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने हिरासत में लिया था। यूपी ATS ने उपलब्ध जानकारी के आधार पर 3 नवंबर को मामला शुरू किया, बाद में अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की और दोनों आतंकवादियों को पकड़ लिया। गिरफ्तार किए गए आतंकियों के पास से आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) और अल कायदा से जुड़ा विवादित साहित्य बरामद किया गया।
यूपी ATS के मुताबिक, ऐसे संकेत मिले थे कि अलीगढ़ में कुछ लोग ISIS की विचारधारा से प्रेरणा लेकर दूसरों को जिहाद के लिए उकसा रहे थे। गिरफ्तार आतंकवादियों का अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के छात्र संगठन स्टूडेंट्स ऑफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (SAMU) से भी संबंध था और वे ISIS की जिहादी विचारधारा से प्रभावित थे। इस जानकारी के आलोक में ATS ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाया और साक्ष्य जुटाकर कार्रवाई की।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग पढ़े अब्दुल्ला अर्सलान और माज बिन तारिक https://t.co/mwtruMBaCp, दो ISIS आतंकियों को यूपी ATS ने गिरफ्तार किया है।
— Prashant Umrao (@ippatel) November 7, 2023
इसके पहले भी दिल्ली पुलिस ने ISIS के जिस 3 आतंकी को गिरफ्तार किया था नकी डिग्री देख लीजिए :-
मोहम्मद शाहनवाज… pic.twitter.com/Arq18nDx7g
यूपी ATS ने बताया कि दोनों आतंकवादियों के कब्जे से मुद्रित सामग्री, ISIS प्रचार वाली पेन ड्राइव और अन्य वस्तुएं मिलीं। इसके अलावा, उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से, राष्ट्र-विरोधी और आतंकवादी विचारधाराओं का समर्थन करने वाले विभिन्न समूहों के साथ संबंध स्थापित किए गए। इसमें ISIS और 'भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा' का साहित्य शामिल था। यूपी ATS ने 5 नवंबर को दोनों लोगों को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया। उनकी पहचान अब्दुल्ला अर्सलान और माज़ बिन तारिक के रूप में की गई है।
अब्दुल्ला अर्सलान और माज़ बिन तारिक एक बड़े आतंकवादी मॉड्यूल का हिस्सा हैं:-
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अक्टूबर की शुरुआत में, दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दिल्ली और अलीगढ़ में कई आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था, जो ISIS मॉड्यूल के भीतर काम कर रहे थे। जांच से पता चला कि शाहनवाज, रिजवान और अरशद नाम के व्यक्ति उत्तरी भारत में एक व्यापक ISIS मॉड्यूल स्थापित कर रहे थे। शाहनवाज, जिसे पहले पुणे में UAPA मामले में गिरफ्तार किया गया था, उस समय फरार था और दिवाली त्योहार के दौरान संभावित हमलों की योजना बनाने में शामिल था।
शाहनवाज ने गुजरात से लेकर दिल्ली समेत यूपी तक कई अहम ठिकानों की टोह ली थी। ये युवाओं को जिहाद के लिए भड़काकर आतंकी भर्ती करने और नेटवर्क स्थापित करने के इरादे से अलीगढ़ से लेकर प्रयागराज तक मदरसों और मौलानाओं के संपर्क में थे। यूपी ATS ने अब इस ISIS मॉड्यूल से जुड़े दोनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। मूल रूप से झारखंड का निवासी शाहनवाज पुणे में ISIS में शामिल हो गया था और स्लीपर सेल तैयार कर रहा था। उनके समूह के सदस्य बम बनाने में शामिल थे और पास के जंगलों में परीक्षण करते थे।
शाहनवाज के गिरोह को अपनी साजिश के लिए एक चोरी की मोटरसाइकिल की आवश्यकता थी और दो सदस्यों, इमरान और यूसुफ को जुलाई 2023 में एक चोरी करने के लिए भेजा गया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। हालांकि शाहनवाज भागने में सफल रहा। उन्हें गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत आरोपों का सामना करना पड़ा और वह दिल्ली में रिजवान के साथ गुप्त रूप से रह रहे थे।
उसका साथी रिजवान प्रयागराज में भी मदरसों और मौलानाओं से संपर्क बनाए रखता था। नैनी में रहने के बाद उसे लखनऊ में पकड़ लिया गया और वह लगातार प्रयागराज आता रहा। रिजवान के कई मौलानाओं और मदरसों व मस्जिदों के संचालकों से संबंध थे। अधिकारी फिलहाल इन कनेक्शनों की जांच कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रिजवान, शाहनवाज (जिन्हें शफी उज्जमा के नाम से भी जाना जाता है) और अरशद वारसी को गिरफ्तार किया। ये तीनों दिवाली से पहले देश के अलग-अलग हिस्सों में आतंकी हमले की योजना बना रहे थे, जिसका लक्ष्य अयोध्या में राम मंदिर भी था, जिसके लिए उन्होंने टोह भी ली थी।
पिछले एक साल में हिंदुस्तान के कोने-कोने से पकड़ाए आतंकी, क्या है मकसद ?
बता दें कि, गत वर्ष 2022 में बिहार पुलिस और NIA ने कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) का भंडाफोड़ किया था, जो 2047 तक भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने पर काम कर रहा है और केरल से कश्मीर तक फैल चुका है। इस साजिश को सफल करने के लिए PFI ने पूरा प्लान भी बना लिया था कि, कैसे मुस्लिमों को हथियार की ट्रेनिंग देनी है, कैसे SC/ST और OBC को भड़काकर उन्हें बाकी हिन्दुओं के खिलाफ करना है, सिस्टम में अपने लोग बिठाने हैं और फिर आतंकी संगठित होते ही सत्ता पर कब्ज़ा कर भारत को इस्लामी झंडे के नीचे लाना है। इसी तरह का खुलासा मध्य प्रदेश और तेलंगाना से पकड़े गए आतंकी संगठन हिज़्ब उत तहरीर (HuT) के 16 संदिग्धों से हुई पूछताछ में भी हुआ है, जो मध्य प्रदेश के जंगलों में हथियारों की ट्रेनिंग ले रहे थे। ये सभी लोग आम इंसानों की तरह जनता के बीच रह रहे थे, कोई इंजिनियर था, कोई प्रोफेसर।
सबसे बड़ी हैरानी की बात तो ये थी कि, HuT के 16 आतंकियों में से आधे पहले हिन्दू ही थे, जिन्हे ब्रैनवॉश करके और भगोड़े इस्लामी उपदेशक ज़ाकिर नाइक की तकरीरें सुनाकर पहले मुस्लिम बनाया गया, और फिर आतंकी, इन कट्टरपंथियों को अन्य लोगों को भी धर्मान्तरित करने का टास्क दिया गया था। इन घटनाक्रमों को देखकर आप समझ सकते हैं कि, आतंकवाद हमारे कितने करीब आ चुका है और भारत पर कितना बड़ा ख़तरा मंडरा रहा है। जिसके बाद गुजरात से अल क़ायदा का बड़ा टेरर मॉड्यूल पकड़ा गया था, जिसमे 4 बांग्लादेशी आतंकी गिरफ्तार किए गए थे और फिर मध्य प्रदेश जबलपुर में इस्लामिक स्टेट (ISIS) की साजिशों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ था। जबलपुर में मिले ISIS टेरर मॉड्यूल के पास से कुछ बेहद आपत्तिजनक दस्तावेज़ भी बरामद हुए थे, जिनमे लिखा है कि, गैर-मुस्लिम लड़कियों का रेप करना जायज है और ये खुदा के करीब पहुँचने का जरिया है। बता दें कि, 2015 में ISIS आतंकियों के चंगुल से छूटी एक यजीदी लड़की ने भी अपने इंटरव्यू में यही बताया था कि, आतंकी उसका रेप करते वक्त कहते थे कि यह उन्हें खुदा के करीब ले जाता है और अल्लाह को न मानने वालों के साथ बलात्कार करना कोई गुनाह नहीं है। इन तमाम घटनाक्रमों को जोड़कर देखा जाए, तो यह कहा जा सकता है कि, आतंकवाद भारत के हर राज्य में पैर पसार चुका है, लेकिन, एजेंसियों की सख्ती के कारण वो अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं, लेकिन जरा सी चूक या ढील, पूरे भारत में आतंकवाद का नंगा नाच करवा सकती है, जैसा हम कश्मीर (1990) में देख चुके हैं।
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