मंडला: मध्य प्रदेश स्थित कान्हा नेशनल पार्क में वर्चस्व के युद्ध में एक और बाघ की मृत्यु हो गई है। टी-56 बाघ ने बाघ को मारकर उसका मांस भी खाया। इसके पहले भी लगभग तीन महीने पहले भी टी-56 ने एक बाघ का शिकार कर उसका मांस खाया था। इस बार बाघ ने टी-36 बाघ को मारकर उसका मांस खाया। टी-56 बाघ करीब 24 घंटे शव के आसपास खड़ा रहा। इसी कारण उसका पोस्टमार्टम नहीं हो सका।
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शनिवार की सुबह पार्क प्रबंधन ने बाघ के शव को अपने कब्जे लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पार्क के विशेषज्ञ डॉ। संदीप अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया है कि पोस्टमार्टम में मृत बाघ का पीछे वाला भाग टी-56 ने खा लिया था और गर्दन, आगे के पैर व कुछ भाग बच गया था। गर्दन पर मिले निशानों से पता चला है कि वर्चस्व की लड़ाई में टी-36 की मौत हुई है। इस बाघ की उम्र लगभग 11 वर्ष बताई जा रही है। बाघ का शव दो दिन पुराना होने के बाद टी-56 ने इसे खाना आरम्भ कर दिया था।
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इसके पहले फरवरी महीने में भी एक बाघ ने दो शावकों को मार दिया था। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि, यह शिकार किस बाघ ने किया था। गत तीन महीने में चार बाघ की मौतें इसी तरह लड़ाई में हो चुकी है। कान्हा नेशनल पार्क के डायरेक्टर एल कृष्णामूर्ति ने कहा है कि यह कोई अनोखी घटना नहीं है। कान्हा नेशनल पार्क में बाघों के शिकार करने के लिए प्रचुर मात्रा में हिरण, चीतल, सांभर मौजूद हैं, किन्तु बाघ वर्चस्व की लड़ाई में दुसरे बाघ को मारकर अपना निवाला बना रहा है, यह विषय चिंतनीय है। इस मामले में विशेषज्ञों से सलाह मशवरा लाया जाएगा।
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