नर्क के बारे में आप सभी ने कई बार सुना होगा. कहते हैं हिन्दू धर्म के पुराणों में इसके बारे में कई बातें बताई गई है. जी हाँ, पुराणों से लेकर कठोपनिषद् तक हर जगह मृत्यु और उसके बाद की स्थिति का उल्लेख किया जा चुका है और इन पुराणों में बताया गया है कि धरती पर प्राणी जो भी काम करते हैं, उन्हें उनका फल परलोक में जाकर दिया जाता है. ऐसे में यमराज लोगों को उनके काम के अनुसार ही स्वर्ग और नर्क में भेज देते हैं. ऐसे में नर्क के बारे में कई जगहों पर उल्लेख किया गया है. नर्क में जीवों को अजब-गजब दंड दिया जाता है और इसके लिए अलग-अलग नर्क तैयार किए गए हैं जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं.
महावीचि : यह नर्क रक्त से भरा हुआ है इसमें वज्र के समान कांटे है और इसमें गया हुआ जीव कांटों से बांधकर कष्ट पाता है. कहा जाता है गाय का वध करने वाला व्यक्ति इसी नर्क में आता है और एक लाख वर्ष तक रहता है.
कुंभीपाक - यह नर्क गर्म रेत और अंगारे से भरा है और इस नर्क में दूसरों की जमीन और धरोहर हड़पने के अलावा ब्रह्मणों की हत्या करने वाला आता है.
मंजूस - कहते हैं इस नर्क में उन्हें दंड दिया जाता है जो निर्दोष को बंदी बनाते हैं. यह नर्क जलते हुए सलाखों से बनता है.
अप्रतिष्ठ - यहाँ उन्हें डालते हैं जो धार्मिक व्यक्तियों को कष्ट देते हैं. इस नर्क में मल-मूत्र पीब भरा रहता है और इसमें जीवो को उलटा करके गिरा देते है.
विलेपक- यहाँ वह ब्राह्मण जाते हैं जो मदिरापान करते हैं. यह नर्क लाह की आग से जलता है.
महाप्रभ- यह नर्क बहुत ऊंचा है. इसमें बड़ा से शूल गड़ा है. जो व्यक्ति पति-पत्नी में विभेद करवाकर उन्हें अलग करवाते हैं उन्हे इस नर्क में डालकर शूल से छेदा जाता है.
जयंती - इस नर्क में एक विशाल चट्टान है और इस नर्क में परायी स्त्रियों के साथ शारीरिक संबंध बनाने वाले को इसी चट्टान के नीचे दबाया देते हैं.
शल्मलि - यह नर्क जलते हुए कांटों से भरा हुआ है और इस नर्क में उन स्त्रियों को जलते हुए शल्मलि वृक्ष का आलिंगन करना पड़ता है जो पर-पुरुष से संबंध बनाती है.
महारौरव - इस नर्क में जो लोग खेत, खलिहान और गांव, घर में आग लगाते हैं उन्हें पकाते हैं.
तामिस्र - इस नर्क में यमदूत भयानक अस्त्र शस्त्र से चोरों की पिटाई करते हैं.
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