हम आपको बता दें साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया टायफॉयड के लिए जिम्मेदार होता है। अनहेल्दी फूड्स और पानी में यह बैक्टीरिया मौजूद होता है जो आपके शरीर में प्रवेश करता है। यह बैक्टीरिया इंटेस्टाइन से होते हुए ब्लड में फैलता है जो टायफॉयड को और गंभीर बनाता है। बैक्टीरिया आपके लिम्फ नोड्स, लीवर, गॉल ब्लैडर और शरीर के अन्य हिस्सों में ब्लड के जरिए जाता है।
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इन उपायों से मिलेगा छुटकारा
जानकारी के लिए बता दें केले में पेक्टिन नामक एक सॉल्यूबल फाइबर होता है जो टायफॉयड के कारण होने वाले बुखार को कम करता है और दस्त से भी राहत दिलाता है। केले को आप क्रश कर के दही और शहद के साथ खाएं। यह आपके बुखार को कम करता है। तुलसी एक ऐसी जड़ी-बूटी होती है जो टायफॉयड के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। साथ ही टायफॉयड के कारण होने वाले बुखार को भी कम करता है।
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और भी है कई उपाय
इसी के साथ तुलसी के रस को पानी के साथ मिलाकर पीने से राहत मिलती है। लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट होता है जो टायफॉयड के कारण होने वाली परेशानी को कम करने में मदद करता है। साथ ही टायफॉयड के लक्षणों को भी कम करने में मदद करता है। लहसुन को आप लगभग एक सप्ताह तक खाएं। इससे आपको राहत मिलेगी।
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