भारत देश में हर रोज कई दुर्घटना होती है, इस घटना के कई कारण है, भारत की उबर-खाबड़ सड़क की समस्या, यातायात नियम का पालन ना करना जैसी अनेक कारण होती है। लेकिन क्या आप जानते है कि ज्यादातर दुर्घटनाओं का कारण आपकी गाड़ी के टायर होते हैं। भारत देश में लोग ज्यादातर उपयोग कार और बाइक का करते हैं। लेकिन उन्हें गाड़ी के टायरों के बारें में जानकारी नही होती है कि तरह से कार के साथ उसके टायर पर भी ध्यान देना बेहद जरुरी हैं। इसलिए आप अपने टायरों के साथ कोई लापरवाही न करें। आज हम आपको अपके गाड़ी के टायरों के सुरक्षित रखने की जानकारी देगें।
जैसा की आप जानते है कि हर बाइक या कार के टायर अलग-अलग होते हैं और उसकी जानकारी टायर के साइड में लिखी रहती है। कि किस गाड़ी में कौन सा टायर लगेगा, इससे आपको अपने वाहन के टायर के सुरक्षा के लिए सहायता होगी। इसके अलावा हर टायर के गति की अधिकतम सीमा होती है। इसके लिए ए1 से लेकर वाई तक की रेटिंग दी जाती है। ए1 रेटिंग वाले टायर 5 किमी प्रति घंटा और वाई रेटिंग वाले टायर 300 किमी प्रति घंटा की अधिकतम रफ्तार पर चल सकते हैं। यदि आप अपने टायर के सूचको का पालन नहीं करते है तो समझिए आपके टायर की उम्र बहुत कम हो जाएगी।
इसके अलावा यह भी आपको जानना जरुरी है कि किस तरह आप अपने वाहन के टायर का ख्याल रखे। आपको बता दे कि आपको हर महीने गाड़़ी के टायर का प्रेशर जरूर चेक कराएं। टायर में हवा उतनी ही रखें जितनी निर्धारित की गई हो। टायर में कम या ज्यादा हवा होने की वजह से टायर जल्द घिस जाते है। कंपनी यह भी तय करती है कि कम लोड और ज्यादा लोड पर टायर में कितना प्रेशर होना चाहिए। हर 5000 किलोमीटर पर वील रोटेशन और अलाइनमेंट कराने से टायर की लाइफ बढ़ जाती है। टायरों के ट्रेड में फंसे कंकड़-पत्थर, कील-कांटे भी समय-समय पर निकालें। इसके अलावा टायर साफ करने के लिए पेट्रोलियम बेस्ड डिटरजेंट या केमिकल क्लीनर का इस्तेमाल न करें।
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