उत्तराखंड में इसी महीने से लागू होगा UCC, सीएम धामी ने कर दिया ऐलान

उत्तराखंड में इसी महीने से लागू होगा UCC, सीएम धामी ने कर दिया ऐलान
Share:

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 9 जनवरी को 29वें उत्तरायणी मेले में ऐलान किया कि राज्य इस महीने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करेगा। बरेली में बोलते हुए, मुख्यमंत्री धामी ने यूसीसी के महत्व पर जोर दिया और डॉ. बीआर अंबेडकर के दृष्टिकोण का उल्लेख किया, जिन्होंने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करते वक्त समान नागरिक संहिता की नींव रखी थी। उन्होंने कहा, "जब बाबा साहब भीम राव अंबेडकर ने अनुच्छेद 44 पेश किया था, तब उन्होंने प्रावधान किया था कि राज्यों और देशों में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी।"

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने देहरादून में अपने कैंप कार्यालय से राष्ट्रीय युवा महोत्सव-2025 के लिए उत्तराखंड दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह दल प्रतिष्ठित युवा महोत्सव में भाग लेने के लिए गुरुवार को नई दिल्ली के लिए रवाना हुआ। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर युवाओं को शुभकामनाएं दी और उन्हें इस आयोजन में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। सीएम धामी ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से देश के युवा कड़ी मेहनत और लगन से विभिन्न क्षेत्रों में देश का नाम रोशन कर रहे हैं। राष्ट्रीय युवा महोत्सव जैसे आयोजन युवाओं में उत्साह और प्रेरणा का संचार करते हैं, जो उनके विकास और देश के समग्र उत्थान के लिए महत्वपूर्ण है।"

इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने राज्य की शीतकालीन तीर्थयात्रा योजना को लेकर एक अहम घोषणा की। उन्होंने बताया कि अब यह योजना सालभर चलेगी, जबकि पहले यह केवल छह महीने तक ही सीमित थी। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा, "आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में हमारी डबल इंजन सरकार ने शीतकालीन तीर्थयात्रा शुरू कर दी है। अब उत्तराखंड में तीर्थयात्रा 6 महीने की बजाय पूरे 12 महीने संचालित की जा रही है।"

यह कदम राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने और श्रद्धालुओं को हर मौसम में चार धाम मंदिरों की यात्रा की सुविधा देने के उद्देश्य से उठाया गया है। हालाँकि, राज्य का मुस्लिम समुदाय शुरू से इस कानून का विरोध करता रहा है, जिसके कारण कई बार हिंसा-दंगों जैसी स्थिति भी बनी है। मुस्लिम समुदाय का कहना है कि उन्हें संविधान के कानून की जगह अपना इस्लामी कानून ही मानेंगे, अब ऐसे में मुख्यमंत्री धामी के इस फैसले का राज्य पर क्या असर पड़ता है, ये वक़्त ही बताएगा।

 

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
- Sponsored Advert -