उदयपुर: आज एक और हिन्दू, राजनेताओं द्वारा किए जा रहे तुष्टिकरण की भेंट चढ़ गया। अपनी दूकान में काम कर रहे एक सामान्य दर्जी को उनकी ही दूकान में घुसकर काट डाला गया और यहाँ तक कि जिहादियों ने बाकायदा इसका वीडियो भी बनाया। हत्या करने के पहले भी कट्टरपंथियों ने वीडियो बनाया, हत्या के समय भी और क़त्ल करने के बाद भी वीडियो बनाकर ये ऐलान किया कि कन्हैयालाल को नूपुर शर्मा का समर्थन करने की सजा दी गई है और जिहादियों की चोरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गले तक भी पहुंचेगी। लेकिन, कांग्रेस शासित राजस्थान का तथाकथित सेक्युलर प्रशासन अब लोगों को ये समझाने में लग गया है कि, अपराध का कोई धर्म नहीं होता।
अब जमीयत उलेमा ए हिन्द जैसा कोई इस्लामी संगठन इन जिहादियों को बचाने के लिए कोर्ट पहुंचेगा तब भी इन अपराधियों का धर्म पता नहीं चलेगा। जमीयत, कमलेश तिवारी के कातिलों के पक्ष में भी अदालतों में दलीलें देकर उनका बचाव कर चुका है। हाँ, लेकिन अगर कोई यति नरसिंहानंद किसी आसिफ को एक चांटा भी मार दे, तो इस मुद्दे पर यूनाइटेड नेशंस तक हल्ला मचाया जा सकता है और दुनियाभर के पत्रकारों को बुलाकर अंतर्राष्ट्रीय डिबेट शुरू हो सकती है। या फिर कोई थूक वाली रोटियां देखकर इनसे खरीदारी करना बंद कर दे तो भी देश की धर्मनिरपेक्षता खतरे में आ जाती है। क्योंकि, यहाँ आरोपी हिन्दू और पीड़ित मुस्लिम, फिर तो ये वामपंथियों के अजेंडे में खूब फिट बैठता है। वो चाहें, कश्मीर में आपका ID देखकर गोली मार दें, चाहे दिल्ली दंगों में अंकित शर्मा को 400 चाक़ू मारें, चाहे 4 साल पुरानी पोस्ट डिलीट होने के बाद भी कमलेश तिवारी को उसके घर में घुसकर मार डालें, चाहे हकीकत राय की हत्या कर दें, चाहे बैंगलोर में हर्षा का क़त्ल कर दें, लेकिन उन्हें सब जायज़ है, क्योंकि उन्हें पता है कि कुछ सत्ता के लालची फिर भी उनके मुंह में चाटुकारिता की सिंवइया भरते रहेंगे और एक पूरा इकोसिस्टम उनके बचाव में अपना जमीर बेचने को आतुर हो उठेगा। फिर चाहे उन्होंने अपने वीडियो में खुद, अपना नबी, अपना धर्म और हत्या का मकसद क्यों न बता दिया गया हो, तथाकथित प्राइम टाइम बनाने वालों के लिए वे धर्मविहीन अपराधी ही रहेंगे। वैसे अपराधी से भी पहले उन्हें भटके हुए नौजवान साबित करने की कोशिश की जाएगी, जो मासूम हैं। यही भटके हुए मासूम नौजवानों का तमगा कश्मीर के उन आतंकियों को भी मिला हुआ है, जो आए दिन घाटी को निर्दोषों के खून से लाल करते रहते हैं।
#उदयपुर के इन जेहादी आतंकियों का फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चला कर जल्द से जल्द सरे आम फांसी दी जानी चाहिए।
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) June 28, 2022
इस गरीब दर्जी की हत्या #Zubair के सर पर है। pic.twitter.com/nrsfXfzG5y
उदयपुर में हुई घटना स्पष्ट रूप से मोहम्मद ज़ुबैर के किए का परिणाम है, साथ ही इस हत्या में वे सब लोग भी दोषी हैं, जो जुबैर के किए पर पर्दा डालने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। वही जुबैर, जो कई वर्षों से हिन्दू देवी-देवताओं का तिरस्कार करता आ रहा है और जिसने नूपुर शर्मा का आधा वीडियो अपने अरबी आकाओं तक इसी मकसद से पहुंचाया था कि दुनियाभर के मुस्लिमों को भड़काया जा सकते और वो अपने इस कुकृत्य में कामयाब भी हो गया। जबकि, बहस के पूरे वीडियो में यह स्पष्ट दिख रहा है कि, नूपुर शर्मा पलटवार कर रही हैं। यानी, जब बार-बार मुस्लिम पैनेलिस्ट द्वारा शिवलिंग को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की जा रही थी, तब अपने आराध्य का अपमान होते देख नूपुर शर्मा ने जवाब देते हुए कहा था कि, यदि आप ऐसा कहेंगे तो हम भी पैगम्बर पर 'ऐसा' कह सकते हैं। लेकिन शिवलिंग के अपमान का मामला पूरी तरह दब गया और पैगम्बर विवाद पर दुनियाभर के मुस्लिमों को भड़का दिया गया। देश के मुस्लिमों के साथ ही इस्लामी मुल्कों ने भी प्रतिक्रिया देने से पहले यह देखना उचित नहीं समझा कि, विवाद की शुरुआत किस तरफ से हुई और किसने किसके धर्म का अपमान करना शुरू किया।
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