राजतिलक के बाद महाराणा को नहीं मिली उदयपुर सिटी पैलेस में एंट्री, जानिए पूरा मामला

राजतिलक के बाद महाराणा को नहीं मिली उदयपुर सिटी पैलेस में एंट्री, जानिए पूरा मामला
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उदयपुर: उदयपुर के पूर्व मेवाड़ राजपरिवार के भीतर संपत्ति और अधिकारों को लेकर विवाद अब खुलकर सामने आ गया है। हालात इतने गंभीर हो गए कि सिटी पैलेस के बाहर भारी हंगामा और पथराव हुआ। भाजपा MLA एवं पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह को सिटी पैलेस में प्रवेश से रोक दिया गया। इस घटना के पश्चात् झड़प हुई, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। यह विवाद उदयपुर के सिटी पैलेस और एकलिंगनाथजी मंदिर पर अधिकार को लेकर गहराया है।

विश्वराज सिंह का राज्याभिषेक:
पिछले दिनों, विश्वराज सिंह को चित्तौड़गढ़ के किले में मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार का मुखिया नियुक्त किया गया। उनके पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद, सोमवार (25 नवंबर) को "पगड़ी दस्तूर" रस्म के तहत उन्हें गद्दी पर बिठाया गया। यह परंपरा चित्तौड़गढ़ के ऐतिहासिक 'फतह प्रकाश महल' में संपन्न हुई। राज्याभिषेक के चलते खून से तिलक किया गया, और 21 तोपों की सलामी दी गई। परंपरा के मुताबिक, राज्याभिषेक के पश्चात् उत्तराधिकारी को उदयपुर के सिटी पैलेस में जाकर 'धूणी स्थल' पर नमन करना और एकलिंगनाथजी महाराज के मंदिर में दर्शन करना होता है। हालांकि, मौजूदा प्रबंधन ने इस परंपरा को मान्यता देने से इनकार कर दिया।

सिटी पैलेस में प्रवेश पर रोक
विश्वराज सिंह जब सिटी पैलेस पहुंचे तो वहां पहले से ही सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। श्री एकलिंगजी ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं सिटी पैलेस के प्रबंधक अरविंद सिंह मेवाड़ ने उन्हें गैरकानूनी घोषित करते हुए अंदर जाने से रोक दिया। फिर विश्वराज सिंह और उनके समर्थकों ने विरोध शुरू कर दिया। अरविंद सिंह का कहना है कि सिटी पैलेस और मंदिर पर अधिकार श्री एकलिंगजी ट्रस्ट के पास है तथा ट्रस्ट के नियमों के तहत किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को यहां प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा सकती।

झड़प और पथराव
सिटी पैलेस के बाहर विरोध के चलते स्थिति तब बिगड़ गई जब विश्वराज सिंह के समर्थकों ने पैलेस के गेट पर धावा बोलने का प्रयास किया। उनके समर्थकों ने बैरिकेड्स तोड़कर प्रवेश करने की कोशिश की, जिसके बाद दोनों पक्षों में झड़प हो गई। हालात और अधिक खराब हो गए जब पथराव शुरू हो गया। इस घटना में तीन लोग घायल हो गए। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कार्रवाई की। गेट पर तैनात पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया तथा पैलेस के बाहर से उन्हें हटाया।

विवाद की जड़: सिटी पैलेस और ट्रस्ट का प्रबंधन
सिटी पैलेस एवं एकलिंगनाथजी मंदिर का प्रबंधन श्री एकलिंगजी ट्रस्ट के हाथों में है, जिसके अध्यक्ष अरविंद सिंह मेवाड़ हैं। ट्रस्ट ने रविवार (24 नवंबर) को दो सार्वजनिक नोटिस जारी किए, जिनमें स्पष्ट किया गया कि विश्वराज सिंह ट्रस्ट के सदस्य नहीं हैं तथा उनकी गतिविधियों को गैरकानूनी करार दिया गया। नोटिस में यह भी कहा गया कि सोमवार को किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को सिटी पैलेस संग्रहालय में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

विश्वराज सिंह का बयान
घटना के पश्चात्, विश्वराज सिंह ने अपने समर्थकों की हरकतों की निंदा की। उन्होंने कहा कि शाही परंपराओं एवं रस्मों को निभाने से रोकना पूरी तरह गलत है। उन्होंने इसे पूर्वजों की मान्यताओं का अपमान करार दिया।

वही स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, उदयपुर के जिला मजिस्ट्रेट अरविंद पोसवाल और एसपी योगेश गोयल ने दोनों पक्षों से चर्चा की। उन्होंने विश्वराज सिंह एवं उनके समर्थकों के साथ-साथ ट्रस्ट प्रबंधन के प्रतिनिधियों से भी बात की। हालांकि, दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बन पाई। पुलिस ने सिटी पैलेस के बाहर और आसपास के क्षेत्रों में भारी सुरक्षा बल तैनात किया तथा बैरिकेड्स लगाकर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। यह विवाद राजपरिवार के भीतर लंबे वक़्त से चल रहे मतभेदों का परिणाम है। महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद, सिटी पैलेस और ट्रस्ट के प्रबंधन को लेकर अरविंद सिंह और विश्वराज सिंह के बीच तनाव बढ़ गया है।

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