मुंबई: महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे एवं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रिमंडल की बैठक में पिछली महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के फैसलों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि योजनाओं में तेजी लाने के लिए करोड़ों के ऋण को अनुमति दी गई है। वहीं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शहरों के नामकरण पर फैसले जल्दबाजी में लिया गया तथा उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि MVA सरकार की पिछली मंत्रिमंडल बैठक में कई शहरों के नाम बदलने का फैसला बेतरतीब तरीके से लिया गया था। इसलिए, इन फैसलों की समीक्षा की तथा विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा, जिसे आगे केंद्र की अनुमति के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा लिए गए फैसले ढहने वाले नहीं, बल्कि आगे बढ़ती सरकार के हैं। मुझे भरोसा है कि हर प्रदेश इन फैसलों की प्रशंसा करेगा।
वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि औरंगाबाद शहर का नाम परिवर्तित कर 'छत्रपति संभाजी नगर', उस्मानाबाद शहर का नाम परिवर्तित कर धाराशिव, नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे का नाम 'लोकनेते डी।बी। पाटिल नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा' रखा गया। इसके अतिरिक्त मेट्रो, महाराष्ट्र ट्रांस हार्बर लिंक रोड (MTHL) एवं MMRDA के फ्लाईओवर जैसी विकास परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए मंत्रिमंडल की बैठक में 60,000 करोड़ के ऋण को अनुमति दी गई। MMRDA के ऋण के लिए 12000 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी देने का भी फैसला लिया गया। देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष के नेता अजीत पवार पर भी हमला बोला। फडणवीस ने आरोप लगाया कि हमारे फैसले को MVA ने बदल दिया क्योंकि यह बहुत कामयाब रहा तथा इसमें भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं थी।
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