मुंबई: महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे पर अपनी ही पार्टी के नेताओं के करियर को नष्ट करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने उद्धव ठाकरे को दो टूक शब्दों में कहा कि वो गद्दार नहीं खुद्दार हैं। रत्नागिरी जिले के खेड़ में उसी स्थान से एक रैली को संबोधित करते हुए जहां ठाकरे ने एक पखवाड़े पहले एक सभा को संबोधित किया था, शिंदे ने बोला कि वह शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की विरासत के सच्चे उत्तराधिकारी हैं।
हाल ही में चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को शिवसेना के तौर पर मान्यता दी है तथा उसे "धनुष और तीर" चुनाव चिन्ह आवंटित किया। शिंदे, जिन्होंने उद्धव ठाकरे के खिलाफ तख्तापलट कर बीते वर्ष शिवसेना को विभाजित कर दिया था तथा ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार को गिरा दिया था, उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी ऐसा नेता नहीं देखा जो अपने ही लोगों के सियासी करियर को नष्ट करने के लिए अन्य राजनीतिक दलों के साथ षड्यंत्र करता हो।
उन्होंने राज ठाकरे (मनसे प्रमुख) एवं नारायण राणे का नाम लिया, जिन्होंने बहुत पहले शिवसेना छोड़ दी थी। शिंदे ने कहा, ''ऐसे में पार्टी कैसे आगे बढ़ेगी?'' मैं 'गद्दार' (देशद्रोही) नहीं, बल्कि 'खुद्दार' (स्वाभिमानी व्यक्ति) हूं। उद्धव ठाकरे को हमें देशद्रोही कहने का अधिकार नहीं है। एकनाथ शिंदे ने कहा कि शिवसेना को मजबूत करने के लिए गजानन कीर्तिकर, रामदास कदम जैसे वरिष्ठ नेताओं ने बाला साहेब के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया था, मगर आप उन्हें देशद्रोही बोलते हैं। शिंदे ने कहा, "संयम बरतने की एक सीमा होती है। मैं घर बैठे आदेश देने वाला सीएम नहीं हूं, मगर मैं संकट के वक़्त फील्ड में जाने में भरोसा करता हूं। मैं दो बार कोरोनावायरस से संक्रमित हुआ। मैंने हमेशा फील्ड पर काम किया है, मगर आप मुझे देशद्रोही कहते हैं।"
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