मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही राज्य में राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। इसी बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने शिवसेना उद्धव गुट के प्रमुख और अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राज ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के लिए उद्धव ने अपने पिता बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा का त्याग कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन किया, जो शिवसेना की मूल विचारधारा के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि उद्धव ने अपने स्वार्थ के लिए हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे की छवि को 'जनाब बालासाहेब' में बदल दिया।
राज ठाकरे ने अपने बयान में कहा कि उद्धव ठाकरे ने ढाई साल के मुख्यमंत्री पद के लिए हिंदुत्व से समझौता किया और शिवसेना के होर्डिंग्स से 'हिंदू हृदय सम्राट' का नाम भी हटा दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के दबाव में कई होर्डिंग्स में बालासाहेब का नाम उर्दू में लिखा गया, जो कि उनकी विचारधारा के विपरीत था। राज ठाकरे ने आगे कहा कि आज उद्धव की शिवसेना के लिए मौलवी फतवे जारी कर रहे हैं और मुस्लिम समुदाय से एकजुट होकर वोट देने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मस्जिदों से इन अपीलों के वीडियो भी सर्कुलेट किए जा रहे हैं।
इसके साथ ही राज ठाकरे ने एक कड़ा संदेश देते हुए वादा किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो वह 48 घंटों के अंदर मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवा देंगे, और अगर ऐसा नहीं कर पाए तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे। उन्होंने रजा अकादमी और आजाद मैदान में हुई हिंसक घटना का भी जिक्र किया, जिसमें पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगाए।
राज ठाकरे ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में आने पर बांग्लादेशियों को राज्य से बाहर करेगी और रजा अकादमी पर कड़ी कार्रवाई करेगी। उन्होंने जनता से अपील की कि आगामी चुनाव में उनके उम्मीदवारों का समर्थन करें, ताकि वे अपनी घोषणाओं को अमल में ला सकें।
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