डॉ मनमोहन को हि#ड़ा बोले थे उद्धव ठाकरे, आज अपमान पर सवाल उठा रहीं प्रियंका..!

डॉ मनमोहन को हि#ड़ा बोले थे उद्धव ठाकरे, आज अपमान पर सवाल उठा रहीं प्रियंका..!
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मुंबई: राजनीति कब क्या ना करवा दे, ये कहा नहीं जा सकता। जो आज किसी के दुश्मन बने बैठे हैं, क्या पता कल उसी के गले में हाथ डाले घूमने लगें और आज जिसके दोस्त हैं, कल उसी की पीठ में छूरा घोंप दें। भारत की राजनीति में तो इससे भी बड़े अजूबे देखने को मिलते हैं, जब सांप-नेवले की दुश्मनी वाली शिवसेना-कांग्रेस, सत्ता के लिए एक हो जाती हैं। पंजाब में एक दूसरे के खिलाफ लड़े दो दल, कांग्रेस-AAP एक दूसरे के दोष ढंकने के लिए एक हो जाते हैं। तो वहीं, कभी कांग्रेस को ही तोड़कर बनी, NCP, TMC, YRSCP जैसी पार्टियां फिर से वापस उसी कांग्रेस से हाथ मिलाने निकल पड़ती हैं, जैसे आज बांग्लादेश, पाकिस्तान के चंगुल से आज़ाद होने के बाद वापस उसी के प्यार में पागल हो रहा है। 

इसी तरह का हाल कुछ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना का भी है। कभी बाला साहेब ठाकरे के विचारों पर चलने वाली शिवसेना के बोलने का अंदाज़ बेबाक होता था, कभी कभी तो विवादित भी। पार्टी के नेता कई बार बोलते समय मर्यादाएं लांघ जाते थे। खुद बाला साहेब के शब्दों में कहें तो, ''हिजड़े झुकते हैं सोनिया के आगे।'' यानी बाला साहेब को कांग्रेस बिलकुल पसंद नहीं थी, तो उनकी पार्टी के लोगों को कहाँ से रहती। सो उद्धव सेना के बोल भी वैसे ही रहे। हाल ही में दिवंगत होने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए भी शिवसेना नेताओं ने काफी आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल किए थे।  2012 में उद्धव ठाकरे ने डॉ सिंह का मजाक उड़ाते हुए उन्हें ‘मोम का पुतला’ कहा था। इसके एक साल बाद ही 2013 में उद्धव ने उन्हें ‘हिजड़ा’ (Eunuch) कहकर एक नए विवाद को जन्म दिया था।

रिपोर्ट के अनुसार, जब उद्धव से पुछा गया कि मौजूदा सरकार के बारे में उनकी क्या राय है, तो उन्होंने कहा था कि, प्रधानमंत्री सिंह एक अक्षम नेता और ‘हिजड़ा’ हैं। उद्धव ने 2017 में भी सिंह के खिलाफ बयान दिया था और कहा था कि, “मुझे नहीं लगता कि देश ने कभी इतना कमजोर प्रधानमंत्री देखा है।” यही नहीं, खुद बालासाहेब भी डॉ मनमोहन सिंह को ''राजनितिक नपुंसक'' कह चुके थे।     

लेकिन, ये बातें अब गौण हो चुकी हैं, क्योंकि उद्धव गुट और कांग्रेस इस समय गठबंधन में है। हालाँकि, कांग्रेस अब भी खुलकर शिवसेना के आदर्श पुरुष विनायक दामोदर सावरकर की आलोचना कर सकती है, जिसे उद्धव गुट को खून के घूँट पीकर सहन करना पड़ता है, लेकिन उद्धव सेना के सुर अब बदल गए हैं। वे अब दूसरों पर डॉ मनमोहन का अपमान करने का आरोप लगाने लगे हैं। 

उद्धव सेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि, ''प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के नेतृत्व वाली इस कैबिनेट के पास डॉ. एमएमएस (मनमोहन सिंह) के निधन पर दुख व्यक्त करने के लिए शब्द तो हो सकते हैं, लेकिन उनके खिलाफ उनके शब्द और कार्रवाई कभी नहीं भूली जाएगी- बदनामी, शर्मनाक आरोप, चरित्र हनन और एक महान व्यक्ति का उत्पीड़न। बाकी कल वे जो कुछ भी कहेंगे, वह महज पाखंड होगा। इतिहास निश्चित रूप से उनके आचरण के लिए उनका न्याय करेगा।''

 

यानी प्रियंका ने खुद अपने नेताओं के बयान नहीं देखे, या फिर वे देखना ही नहीं चाहती थी। वरना जिन शब्दों का इस्तेमाल उद्धव ने डॉ मनमोहन के लिए किया है, वैसा तो किसी ने भी नहीं किया। लेकिन, क्या किया जा सकता है, ये गठबंधन की मजबूरी है। फिलहाल उद्धव सेना, कांग्रेस के साथ जो है। आश्चर्य मत कीजिएगा, अगर कल को ये गठबंधन टूटता है, तो उद्धव सेना के सुर फिर से बदले हुए दिख सकते हैं। 

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