मुंबई: महाराष्ट्र में भाजपा-उद्धव के बीच वार-पलटवार का दौर अब भी जारी ही है। गृह मंत्री अमित शाह के विश्वासघाती वाले बयान पर अब उद्धव ठाकरे ने हमला बोला है। अपने घर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा कि कल मुंबई में हमने मंगलमूर्ति एवं अमंगलमूर्ति दोनों को देखा। उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब गणपति पंडाल में भी सियासत होने लगी है। जहां गणपति उपस्थित हों वहां अभद्र शब्द नहीं बोलने चाहिए। किन्तु उन्होंने (शाह) बोले।
आगे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ने कहा कि कल उन्होंने (शाह) कहा कि वे हमें जमीन पर लाना चाहते हैं। तो पहले वे हमें जमीन पर ले आएं, इसपर तब चर्चा करेंगे। किन्तु यह स्पष्ट है कि जंग अब आरम्भ हो गई है। शिवसेना इसको समाप्त करेगी। अपने कार्यकर्ताओं एवं नेताओं से उद्धव ने कहा कि भरोसा (लॉटलटी) ख़रीदा नहीं जा सकता। चाहे कोई कितनी भी कीमत दे। उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही कह दिया था कि दरवाजा खुला है। तब ही रुकें जब आप निष्ठावान हों। नहीं तो आप उधर (शिंदे गुट या भाजपा) जा सकते हैं। अब मेरे साथ सिर्फ निष्ठावान शिवसैनिक बचे हैं।
अमित शाह कल मुंबई में थे। वहां पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने उद्धव ठाकरे को राजनीतिक एवं वैचारिक विश्वासघात करने वाला बताया था। उन्होंने बोला था कि उद्धव ने बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा, हिंदुत्व, प्रधानमंत्री मोदी, देवेंद्र फडणवीस एवं मतदाताओं को धोखा दिया जिन्होंने 2019 चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को वोट किया था। उन्होंने कहा कि राजनीति में अपमान सहा जा सकता है, किन्तु विश्वासघात नहीं। ऐसे में विश्वासघाती को सजा अवश्य प्राप्त होनी चाहिए। आगे अमित शाह ने कहा था कि उद्धव को विश्वासघात की सजा अवश्य प्राप्त होनी चाहिए, ऐसे में ठाकरे वाले शिवसेना गुट को BMC चुनाव में हराना होगा। शाह ने बोला था कि मुख्यमंत्री शिंदे वाले शिव सेना गुट के साथ मिलकर भाजपा BMC चुनाव लड़ेगी। उन्होंने इस चुनाव के लिए 150 सीटों का टारगेट रखा था। बता दें कि महाराष्ट्र में पिछले दिनों बड़ा राजनीतिक भूचाल आया था। इसमें महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी क्योंकि मंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के विधायकों को तोड़कर भाजपा संग मिलकर सरकार बना ली। इस सरकार में शिंदे मुख्यमंत्री बने एवं देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री। किन्तु जंग यहीं नहीं समाप्त हुई है। असली शिवसेना कौन है? इस बात को लेकर शिंदे-उद्धव गुट आमने-सामने है।
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