मुंबई: मनसुख की संदिग्ध मौत में असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर वाझे की भूमिका पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़णवीस ने सवाल उठा डाले हैं। ऐसे में अब इस पूरे मामले में विपक्ष के बढ़ते दबाव को देखते हुए राज्य सरकार ने मुंबई क्राइम ब्रांच से वाझे का तबादला कर दिया है। इस बारे में उद्धव ठाकरे ने हाल ही में कहा कि, 'इस मामले की जांच होने दीजिए। इस मामले में जो कोई भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।' जी दरअसल उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र की समाप्ति के बाद पत्रकारों से बातचीत की।
आप सभी को बता दें कि देवेंद्र फड़णवीस ने दावा किया है कि, 'वाझे ठाकरे की पार्टी शिवसेना का सदस्य है।' इस पर उद्धव ने कहा, 'साल 2008 में वाझे पार्टी में शामिल हुआ लेकिन इसके बाद उसने अपनी सदस्यता का नवीनीकरण नहीं कराया। उसका शिवसेना से कोई लेना-देना नहीं है।' इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि, ‘दादरा नागर हवेली के प्रशासक प्रफुल्ल खेड़ा पटेल भी पहले भाजपा में थे जिनका नाम सांसद मोहन डेलकर ने अपने सुसाइड नोट में लिया था।’ वैसे इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने बीते मंगलवार को राज्य विधानसभा में यह मसला उठाया था और वाझे की गिरफ्तारी की मांग की थी।
उस दौरान उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए यह कहा था कि, 'इस घटना से पहले यह कार चार महीने तक वाझे के पास ही थी।' वहीँ बीजेपी नेता आशीष शेलार ने पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, 'वाझे इस मामले में सबूतों से छेड़छाड़ कर रहे थे, उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।'
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