मुंबई: शिवसेना में हुई बगावत का नतीजा ये है कि महाराष्ट्र में नई सरकार बन गई। जी हाँ और अब तो यह दावा किया जाने लगा कि एकनाथ शिंदे का गुट पार्टी पर भी अपनी पकड़ मजबूत कर लेगा। दूसरी तरफ अब बदले हालात में उद्धव ठाकरे ने शिवसेना को फिर से मजबूत बनाने की कोशिश शुरू कर दी है। जी हाँ और इसी बीच शिवसेना में 100 नए पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई है। बताया जा रहा है ये नियुक्तियां मुंबई,पालघर, यवतमाल, अमरावती समेत कई जिलों में की गई हैं। आपको पता हो कि शिवसेना में बगावत के बाद पार्टी के ज्यादातर विधायक शिंदे गुट में चले गए है और ऐसे में उद्धव ठाकरे ने शिवसेना में नई चेहरों को जगह देना शुरू कर दिया है। जी दरअसल उप विभाग प्रमुख और शाखा प्रमुख के पदों पर बड़े पैमाने पर नए चेहरों को नियुक्त किया गया है।
कहा जा रहा है इन पदों पर नियुक्ति विधानसभा क्षेत्रों के मुताबिक हुई है। जी हाँ और इस बात की जानकारी बीते रविवार को शिवसेना के मुखपत्र सामना के जरिए दी गई है। कहा जा रहा है शिवसेना कार्यकर्ताओं के अनुसार पार्टी संगठन को मजबूत करने की कोशिश कर रही है और उनका कहना है कि शिवसेना पहले एक संगठन है उसके बाद एक पार्टी। शिवसेना की वास्तविक संपत्ति उसकी शाखा और प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि हमने उन सभी नेताओं को आगे आने का मौका दिया है, जिनको पहले मौका नहीं मिला था क्योंकि विधायकों ने अपने क्षेत्रों की नियुक्तियां की थी। अब बात करें मुंबई की तो यहां मागठाणे,बोरीवली और दहिसर में नई नियुक्तियां की गई हैं।
वहीं एमएलसी सुनील शिंदे को शिरडी का संर्पक प्रमुख बनाया गया है। इसके अलावा अमरावती में कई नई नियुक्यिं के साथ ही सुनील खराटे को जिला प्रमुख की जिम्मेदारी दी गई है। हालाँकि सूत्रों के मुताबिक शिंदे कैंप के विधायकों का समर्थन करने वाले सभी पदाधिकारियों को बर्खास्त किया जा रहा है। आप सभी को बता दें कि शिवसेना में हुई बगावत के बाद से पार्टी को लेकर विवाद शुरू हो गया था। शिंदे कैंप का समर्थन करने वाले लोगों ने कहा था कि एकनाथ शिंदे का गुट ही असली शिवसेना है।
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