नागपुर: महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (उद्धव) के मुखिया उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि उद्धव पार्टी कार्यकर्ताओं को घर में काम करने नौकर की भांति देखते थे जबकि बालासाहेब ठाकरे कार्यकर्ताओं को सहकर्मी एवं दोस्त मानते थे। शिंदे ने यह भी बताया कि उन्होंने शिवसेना क्यों तोड़ी। एकनाथ शिंदे ने यह बयान रविवार (7 अप्रैल, 2024) को नागपुर में आयोजित एक कार्यकर्ता सम्मेलन में दिया। यहाँ वह बीजेपी उम्मीदवार एवं केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के लिए वोट माँग रहे थे।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “बालासाहेब ठाकरे अपने कार्यकर्ताओं को दोस्त मानते थे, किन्तु उद्धव ने हमें घरेलू नौकर माना। किसी भी पार्टी या राज्य को कभी घर बैठकर नहीं चलाया जा सकता।” उन्होंने कहा, “मैं मुख्यमंत्री हूँ किन्तु फिर भी एक कार्यकर्ता के जैसे काम करता हूँ। हमारी पार्टी में कोई मालिक या नौकर नहीं है। हम सभी एक-दूसरे के सहयोग से काम कर करते हैं। हमारी पार्टी में केवल राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा। जो काम करेगा वही राजा बनेगा।”
मुख्यमंत्री शिंदे ने उद्धव से अलग होने को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि उद्धव के नेतृत्व में बालासाहेब की विचारधारा से समझौता हो रहा था इसीलिए उन्होंने उद्धव से अलग होने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि वह कोई डॉक्टर नहीं है किन्तु बीते कुछ सालों में कई सफल ऑपरेशन किए हैं। मुख्यमंत्री शिंदे ने नागपुर में नितिन गडकरी की भी जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बालासाहेब ठाकरे नितिन गडकरी को इन्फ्रा बनाने की वजह से ‘रोडकरी’ और ‘पुलकरी’ जैसे नाम देते थे। गौरतलब है कि नितिन गडकरी 1990 के दशक में महाराष्ट्र में PWD मंत्री थे एवं उन्होंने प्रदेश के इन्फ्रा पर काफी काम किया था।
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