महाराष्ट्र में नाम कमाने के लिए उद्धव ठाकरे ने झोंक दी थी पूरी ताकत, इस तरह बने CM

महाराष्ट्र में नाम कमाने के लिए उद्धव ठाकरे ने झोंक दी थी पूरी ताकत, इस तरह बने CM
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का आज जन्मदिन है लेकिन इस समय महाराष्ट्र के जो हालात है उन्हें देखते हुए CM अपना जन्मदिन नहीं मनाने वाले हैं। आप सभी को बता दें कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना ने महाराष्ट्र में जो मुकाम हासिल किया है वह देखकर सिर्फ पार्टी के कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि राज्य के कई बड़े नेता भी हतप्रभ रह गए थे। 27 जुलाई 1960 को जन्मे उद्धव ठाकरे अपने पिता बाल ठाकरे के साए में रहकर राजनीति की। उन्होंने पिता की मृत्यु के बाद शिवसेना की कमान अपने हाथ में ली और उसके बाद उन्होंने पार्टी को कई मुश्किलों से निकालकर एक बार फिर महाराष्ट्र में सत्ता की उस शिखर तक पहुंचा दिया जिसके लिए शिवसेना के कार्यकर्ता दिन-रात सपना देखते थे। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरी शिवसेना ने उस समय अपनी ताकत का एहसास करवाया जब चुनाव परिणाम सामने आया और बीजेपी पिछले चुनाव से भी कम सीटों पर जीत गई।

उस समय चुनाव परिणाम आने के बाद यह तो साफ हो ही गया था कि किंगमेकर की भूमिका में रहने वाली शिवसेना को अब महाराष्ट्र चाहिए। चुनाव परिणाम आने के बाद यह साफ हो गया था कि राज्य में बीजेपी एक बार फिर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने के लिए उन्हें शिवसेना का साथ चाहिए। ऐसे में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने BJP से गठबंधन किया और मुख्यमंत्री पद के लिए हावी हो गए। उस समय बीजेपी चाहती थी कि राज्य में उनका मुख्यमंत्री हो लेकिन उद्धव ठाकरे चाहते थे कि शिवसेना का मुख्यमंत्री हो। काफी समय तक मामला फंसता हुआ देख अंत में उद्धव आधे-आधे की भागीदारी के लिए तैयार हो गए।

उसके बाद उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर राज्य में 'महाविकास अघाड़ी' नाम से नया गठबंधन किया लेकिन तीनों दलों की विचारधारा बिल्कुल अलग थी। वहीँ चुनाव के बाद तीन महीनों में ही शिवसेना ने बीजेपी से समझौता कर लिया और इस चुनाव में शिवसेना के 63 विधायक चुन कर विधानसभा पहुंचे थे। वहीँ सरकार में शामिल होने के बाद शिवसेना उप-मुख्यमंत्री पद की मांग करती रही लेकिन बीजेपी नहीं मानी। उसके बादकाफी समय तक विरोध करने के बाद साल 2019 विधानसभा चुनाव के बाद वह मौका सामने आ गया जिसका उद्धव ठाकरे को इंतज़ार था।

उसके बाद एक बार फिर शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद लेने के लिए जोर लगाया। इस बीच शरद पवार से बातचीत के बाद शिवसेना ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया और कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिला लिया। उसके बाद महाराष्ट्र में 'महाविकास अघाड़ी' गठबंधन का जन्म हुआ और नतीजा यह रहा कि शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनाई। अब इस समय महाराष्ट्र की कमान उद्धव ठाकरे संभाले हुए हैं। इस तरह काफी मेहनत के बाद महाराष्ट्र उद्धव ठाकरे को मिला और आज वह इसे बहुत बेहतरीन तरह से संभाले हुए हैं।

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