मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीते रविवार को कहा है कि, 'उनकी सरकार कर्नाटक के उन इलाकों को राज्य में शामिल करने के लिये प्रतिबद्ध हैं जहां मराठी भाषी लोगों की बहुलता है।' जी दरसल मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा एक ट्वीट किया गया है जिसमे यह कहा गया है कि, 'इस उद्देश्य के लिए बलिदान देने वालों के लिए यह 'सच्ची श्रद्धांजलि' होगी। महाराष्ट्र राज्य भाषायी आधार पर बेलगाम तथा अन्य इलाकों पर दावा जताता है जो पूर्ववर्ती बॉम्बे प्रेसिडेंसी का हिस्सा थे लेकिन अब कर्नाटक राज्य में आते हैं।'
कर्नाटकव्याप्त मराठी भाषिक आणि सांस्कृतिक प्रदेश महाराष्ट्रात आणणे हीच या सीमा लढ्यात हौतात्म्य पत्करलेल्या सैनिकांना आदरांजली ठरणार आहे. त्यासाठी आम्ही एकजूट आणि कटिबद्ध आहोत. या अभिवचनासह हूतात्म्यांना विनम्र अभिवादन
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) January 17, 2021
जी दरअसल बेलगाम के अलावा कुछ अन्य सीमावर्ती इलाकों को महाराष्ट्र में शामिल करवाने के लिए संघर्ष करने वाले क्षेत्रीय संगठन महाराष्ट्र एकीकरण समिति ने उन लोगों की याद में 17 जनवरी को 'शहीदी दिवस' मनाया, जो इस उद्देश्य के लिए लड़ते हुए 1956 में मारे गए थे। ऐसे में मुख्यमंत्री कार्यालय के द्वारा एक ट्वीट किया गया जिसमे यह लिखा गया कि, 'सीमा विवाद में शहीद होने वाले लोगों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी कर्नाटक के कब्जे वाले मराठी भाषी तथा सांस्कृतिक इलाकों को महाराष्ट्र में शामिल करना। हम इसके लिए एकजुट हैं और हमारी प्रतिज्ञा दृढ़ है। शहीदों के प्रति सम्मान जताते हुए यह वादा करते हैं।'
आप सभी जानते ही होंगे बेलगाम को लेकर महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच काफी समय से सीमा विवाद चला आ रहा है। बेलगाम के इलाके में मराठी लोग बहुसंख्यक रूप से हैं और यह हिस्सा पूर्व में बॉम्बे प्रेसिडेंसी का भी हिस्सा रह चुका है। इस समय बेलगाम कर्नाटक का हिस्सा है और इस हिस्से को महाराष्ट्र में मिलाने के लिए बहुत से ऐसे संगठन है जो संघर्ष में लगे हुए हैं। बेलगाम के अलावा अन्य सीमावर्ती इलाकों को लेकर दोनों राज्यों के बीच जारी विवाद कई वर्षों से उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
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