मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को विधानसभा में भरोसा मत जीत लिया। इसी बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया है कि भाजपा उनकी पार्टी को समाप्त करने की रणनीति बना रही है। इतना ही नहीं उद्धव ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी को मध्यावधि चुनाव कराने की चुनौती भी दी।
वही शिवसेना भवन में शिवसेना जिला अध्यक्षों की मीटिंग में उद्धव ठाकरे ने कहा, विधानसभा को मनमाने ढंग से चलाना संविधान का अपमान है। एकनाथ शिंदे की बगावत के पश्चात् उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। एकनाथ शिंदे शिवसेना के बागी विधायकों एवं भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बने हैं।
शिवसेना द्वारा जारी बयान के अनुसार, ठाकरे ने अपने पार्टी के नेताओं से कहा, यदि वे लड़ाई लड़ना चाहते हैं, तो साथ रहें। उन्होंने कहा, भाजपा शिवसेना को समाप्त करने की कोशिश कर रही है। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे प्रदेश में मध्यावधि चुनाव कराकर दिखाएं। यदि हम गलत हैं, तो लोग हमें घर भेज देंगे। यदि वे (भाजपा, एकनाथ गुट) गलत हैं, तो लोग उन्हें घर भेज देंगे। इतना ही नहीं उद्धव ठाकरे ने विशेषज्ञों से भी अपने विचार जताने के लिए भी कहा कि क्या प्रदेश में संविधान के मानदंडों का पालन हो रहा है या नहीं? बीते माह एकनाथ शिंदे गुट ने शिवसेना से बगावत कर दी थी। उनके साथ शिवसेना के कई MLA बागी हो गए। ऐसे में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले महाविकास अघाड़ी ने बहुमत खो दिया। उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया। शिंदे ने 30 जून को नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वहीं, भाजपा के देवेंद्र फडणवीस प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बने। दूसरी तरफ उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे ने कहा, कुछ लोगों ने पार्टी छोड़ दी, किन्तु शिवसेना समाप्त नहीं होगी। उन्होंने दावा कि महाराष्ट्र में गुजरात के साथ ही मध्यावधि चुनाव होंगे। आदित्य ने कहा, यह सबूत है कि व्हिप का उल्लंघन किया गया। इसलिए हमने बागी MLA पर कार्रवाई की।
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