मुंबई: शिवसेना में सियासी उठापटक का सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है। अब ‘उद्धव गुट’ अपनी याचिका को लेकर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। जी दरअसल उद्धव खेमे ने शीर्ष अदालत में एक याचिका दाखिल की है और इस याचिका में चुनाव आयोग में पार्टी (शिवसेना) पर दावे को लेकर चल रही कर्रवाई को चुनोती दी गई है। जी दरअसल उद्धव गुट ने याचिका में यह कहा है कि, 'अभी शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता करवाई का मामला लंबित है। ऐसे में आयोग ये तय नही कर सकता कि असली ‘शिवसेना’ कौन है?'
जी दरसअल चुनाव आयोग में 8 अगस्त को शिंदे गुट और उद्धव गुट दोनों को पार्टी पर दावे को लेकर दस्तावेज देने है। ऐसे में चुनाव आयोग ने उद्धव गुट और शिंदे गुट की अगुवाई वाले शिवसेना के दोनों गुटों से पार्टी के चुनाव सिंबल पर उनके दावों को लेकर 8 अगस्त तक दस्तावेज जमा कराने को कहा है। जी दरअसल उद्धव गुट ने चुनाव आयोग की इसी कार्रवाई को याचिका के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। आप देख रहे होंगे महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद भी शिवसेना की लड़ाई खत्म होती नजर नहीं आ रही है। जी दरअसल शिवसेना में अब ‘चुनाव चिन्ह’ को लेकर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच खींचतान शुरू हो गई है। वहीं चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले शिवसेना के दोनों गुटों से पार्टी के चुनाव चिह्न पर उनके दावों के समर्थन में दस्तावेज जमा कराने को कहा है।
चुनाव आयोग ने दोनों गुटों से 8 अगस्त तक दस्तावेज जमा करने के लिए कहा है। इस मामले में आयोग के सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों से दस्तावेज जमा कराने के लिए कहा गया है, जिनमें पार्टी की विधायी और संगठनात्मक इकाइयों से समर्थन का पत्र और विरोधी गुटों के लिखित बयान शामिल हैं। इस हफ्ते शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पार्टी का ‘धनुष-बाण’ चुनाव चिह्न उनको देने का अनुरोध किया था। वहीं शिंदे गुट ने इसके लिए लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा में उसे मिली मान्यता का हवाला भी दिया था।
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