नईदिल्ली। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर का अध्ययन कर रहे, विद्यार्थियों में छात्र - छात्राओं को अलग-अलग स्थानों पर बैठाने को लेकर, आपत्ति जताई गई। यह आपत्ती विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने जताई है। आपत्ती लेने वाली समिति ने, केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार से सिफारिश की है कि, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में को एड व्यवस्था से अध्ययन प्रारंभ करवाया जाए।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की, समिति ने केंद्र को रिपोर्ट सौंपी, जिसमें छात्र - छात्राओं को पढ़ाई के दौरान भिन्न स्थानों पर, बैठाने की व्यवस्था को गलत बताया गया। यूजीसी की समिति ने, केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। जिसमें तर्क दिया गया है कि, जब छात्र - छात्राऐं अलग - अलग बैठते हैं तो, अध्ययन के दौरान वे अपनी, झिझक को दूर नहीं कर पाते हैं और, इसी कारण उन्हें इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।
यूजीसी समिति ने केंद्र सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। जिसमें कहा गया कि, जब विद्यार्थी अपनी झिझक नहीं हटा पाते तो फिर, उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अध्ययन के दौरान अलग - अलग बैठना पड़ रहा है। ऐसे में विद्यार्थियों के बीच, अंतर का भाव तो विकसित हो रहा है, साथ ही विद्यार्थी नैसर्गिक तौर पर, एक झिझक का अनुभव करते हैं। इसे दूर करने के लिए, समिति ने अपने सुझाव प्रस्तुत किए हैं।
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