नई दिल्ली: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने बयान जारी करते हुए कहा है कि मोबाइल की कांटेक्ट लिस्ट में ऐड नंबर द्वारा मोबाइल की सूचनाएं नहीं चुराई जा सकती हैं, कुछ स्वार्थी लोगों ने अपना उल्लू सीधा करने के लिए, गूगल से हुई एक भूल का दुरूपयोग आधार की छवि ख़राब करने और जनता के बीच भय फ़ैलाने के लिए किया है.
अपने आप आधार हेल्पलाइन नंबर सेव होने पर गूगल ने मांगी माफ़ी
प्राधिकरण ने कहा है कि कांटेक्ट सूची में किसी हेल्पलाइन नंबर से किसी फोन की सूचनाएं नहीं चुराई जा सकती ‘इसलिए इस नंबर को मिटाने में कोई डर नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे कोई नुकसान नहीं है. यदि लोग चाहते हैं तो वे उसकी जगह यूआईएडीआई के नये हेल्पलाइन नंबर 1947 को रख सकते हैं.’ गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले जब यूआईडीएआई के नाम से एक नंबर, लोगों के मोबाइल में अपने आप जुड़ गया था, तब कई लोगों ने यूआईडीएआई की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे, उनका कहना था कि इस तरह तो कोई भी उनके मोबाइल में सेंध मर सकता है.
क्या आपके मोबाइल में भी अपने आप जुड़ गया UIDAI का नंबर ?
इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी प्रतिक्रिया हुई थी, जिसमे आधार की सुरक्षा का मज़ाक बनाया गया था. किन्तु इस मामले पर माफ़ी मांगते हुए गूगल ने कहा था कि ये गलती उसकी ओर से हुई है. गूगल ने अपने बयान में आगे कहा, "लोगों को हमारी वजह से जो परेशानी हुई है उसके लिए हमें खेद है, हम लोगों को ये भी आश्वस्त करते हैं कि किसी के भी एंड्राइड फ़ोन में अन ऑथराइज्ड एक्सेस नहीं है. इसका मतलब कि किसी का भी एंड्राइड डिवाइस हैक नहीं हुआ है, इस नंबर को यूज़र्स डिलीट भी कर सकते हैं.
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