यूक्रेनी शरणार्थी एवं फुटबॉलर एंड्री क्रावचुक को प्रीमियर लीग से मंजूरी मिलने के उपरांत इंग्लैंड के फुटबॉल क्लब मैनचेस्टर सिटी के साथ प्रशिक्षण करने की मंज़ूरी दी जा चुकी है। यह निर्णय मैनचेस्टर सिटी और यूक्रेन फुटबॉल टीम के डिफेंडर ओलेक्जेंडर जिनचेंको के हस्तक्षेप के उपरांत लिया गया है। युवा स्तर पर क्रावचुक और जिनचेंको दोनों शख्तार डोनेट्स्क में एक साथ खेले गए है। उल्लेखनीय है कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण शुरू होने के समय क्रावचुक अपने रूसी क्लब पक्ष टॉरपीडो मॉस्को के साथ तुर्की में प्रशिक्षण शिविर में थे।
एक रिपोर्ट का कहना है कि क्रावचुक ने यूक्रेन पर हमले के उपरांत तुंरत रूसी क्लब के साथ अपना अनुबंध खत्म कर दिया था और मैनचेस्टर चले गए, जहां वह मैनचेस्टर सिटी की अंडर-23 टीम के साथ शेष सत्र के लिए प्रशिक्षण लेने वाले है। क्रावचुक ने रूसी क्लब के लिए खेलने के बारे में बोला है कि, ‘मैं बहुत असहज महसूस कर रहा था। मैं ऐसे देश के लिए खेल रहा था, जिसने मेरी मातृभूमि पर हमला कर दिया है। क्लब छोड़ना ही एकमात्र निर्णय था। अगर मैं वहां खेलना जारी रखता हूं तो यूक्रेन के लोग मुझे नहीं समझते।' उल्लेखनीय है कि 23 साल के क्रावचुक का परिवार अभी भी कीव में है, जहां उनका भाई एलेक्स देश के सशस्त्र बलों के साथ देश की सुरक्षा के लिए लड़ रहे है।
क्रावचुक ने इस बारें में आगे बोला है कि, ‘मैं अपने भाई को हर दिन बोलता हूँ कि न केवल हमारे परिवार, बल्कि पूरे देश और यूक्रेनी लोगों की रक्षा के लिए मुझे उस पर कितना फक्र है। वह वहां रह रहा है और लड़ रहा है। मैं सच में चिंतित हूं। मैं सोशल मीडिया पर बहुत समूहों के साथ जुड़ा हुआ हूं और लगातार बमबारी अलटर् के साथ संदेश प्राप्त करने लगा हूँ। हर बार जब भी अलर्ट आते हैं तो मैं बहुत चिंतित हो जाता हूं। मेरे मन में केवल यही विचार होता है कि मेरे परिवार की जान भी खतरें में है।'
क्रावचुक ने बोला है कि वह मैनचेस्टर सिटी के आभारी हैं, जिसने उन्हें क्लब में प्रशिक्षण देने की मंज़ूरी दी है। उनके हमवतन जिनचेंको ने भी उनकी सहायता की। उन्होंने बोला है कि पिछले कुछ हफ्ते और महीने बहुत मुश्किल रहे हैं, लेकिन मैदान पर वापस आना उनके लिए बहुत मायने रख रहा है।
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