माथे पर तिलक और हाथ में त्रिशूल लेकर गौतस्करी करता था उमर, 6 तस्कर गिरफ्तार

माथे पर तिलक और हाथ में त्रिशूल लेकर गौतस्करी करता था उमर, 6 तस्कर गिरफ्तार
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में पुलिस ने गौ तस्करी के एक चौंकाने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इन तस्करों ने साधु का भेष धारण कर अपने अपराधों को अंजाम दिया। माथे पर चंदन का टीका, गले में भगवा गमछा और हाथ में त्रिशूल लेकर ये अपराधी खुद को धार्मिक व्यक्ति दिखाने का प्रयास करते थे। गिरफ्तार किए गए तस्करों में सरवर, गुफरान, उमर, इरफान, नवीजान और अजीज के नाम शामिल हैं।  

बाराबंकी के सतरिख थाना क्षेत्र के कमरपुर गांव में पुलिस को 8 दिसंबर की रात सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध लोग जंगल के पास वाहन में घूम रहे हैं। सूचना के आधार पर पुलिस और स्वाट टीम ने संयुक्त कार्रवाई की। घटनास्थल पर पहुंचने पर पुलिस ने देखा कि दो गोवंशीय पशु पेड़ से बंधे हुए थे, और पास ही तिरपाल से ढकी एक पिकअप खड़ी थी। साथ में एक अन्य वाहन और मोटरसाइकिल भी मौजूद थी, जिनमें चापड़, चाकू, और जानवर बांधने की रस्सियां रखी थीं।  

पुलिस जब संदिग्धों की तलाश कर रही थी, तभी जंगल में छिपे तस्करों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए तस्करों को घेर लिया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार अपराधियों में मुख्य आरोपी उमर उर्फ गुल्जारी शामिल है, जो साधु का भेष बनाकर तस्करी करता था। पुलिस ने बताया कि इस गिरोह का नेटवर्क लखनऊ, बाराबंकी और सीतापुर तक फैला हुआ था।  

गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि वे साधु का भेष बनाकर तस्करी करते थे ताकि किसी को उन पर शक न हो। माथे पर तिलक, गले में भगवा गमछा और त्रिशूल जैसे प्रतीक इस्तेमाल कर ये अपराधी धार्मिक आस्था का दुरुपयोग कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि इन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।  

इस मामले ने एक अहम सवाल खड़ा किया है कि किस तरह अपराधी अपनी पहचान छिपाने के लिए धार्मिक प्रतीकों का सहारा लेते हैं। उमर जैसे लोग साधु के भेष में अपराध करते हैं, और तस्वीरें देखकर आम जनता यह मान लेती है कि साधु-संत ही गौ तस्करी में शामिल हैं। गिरफ्तारी के बाद उमर और उसके साथियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो सकती हैं, जहां उन्हें भगवा वस्त्रों में देखकर लोग भ्रमित हो जाते हैं। यह घटना दिखाती है कि किस तरह अपराधी अपनी पहचान छिपाने के लिए धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग करते हैं, और फेक नैरेटिव फैलाते हैं। 

सच्चाई यह है कि साधु के भेष में उमर जैसे अपराधी धार्मिक प्रतीकों को ढाल बनाकर अपने कृत्य को छिपाने की कोशिश करते हैं। पुलिस की कार्रवाई ने न केवल गौ तस्करों को पकड़ा बल्कि समाज को यह भी सिखाया कि बाहरी भेष-भूषा पर भरोसा करने से पहले सच्चाई को समझना जरूरी है।

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