ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में 3-0 की अजेय बढ़त बनाने के बाद कप्तान विराट कोहली ने कहा कि अब वनडे सीरीज के बचे हुए दो मैचों में वो उमेश यादव और मोहम्मद शमी जैसे टैलेंटिड गेंदबाजों को मौका देंगे जो अब तक अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. टीम इंडिया के तेज गेंदबाज उमेश यादव अपनी स्पीड की वजह से बल्लेबाजों के लिए खौफ का दूसरा नाम बन चुके हैं. उमेश अब तक 70 वनडे मैचों में 98 विकेट अपने नाम कर चुके हैं. 34 टेस्ट मैचों में 94 विकेट ले चुके उमेश अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 152 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं. हालांकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी 5 वनडे मैचों की सीरीज में अब तक उमेश यादव को अपने जलवे दिखाने का मौका नहीं मिला है.
उमेश यादव ने 20 साल बाद देखी लेदर बॉल- उमेश ने खुलासा करते हुए कहा, ‘आप बचपन से क्रिकेट खेल रहे हो, तो आपको खेल के बारे में काफी चीजें पता चल जाती हैं, लेकिन अगर आपको अचानक कुछ अलग चीज करने को कहा जाए, तो आपके लिए मुश्किल हो सकती है. मैंने टेनिस और रबड़ की गेंद से खेलना शुरू किया और जब तक मैं 20 साल का नहीं हो गया, तब तक मैंने क्रिकेट में आमतौर पर इस्तेमाल की जानी वाली गेंद ना देखी थी और ना पकड़ी थी. एक तेज गेंदबाज के लिए यह काफी देर से हुआ था. इसलिए जब ऐसा हुआ, तो मुझे नहीं पता था कि इस गेंद से क्या करूं और इसके साथ गेंदबाजी करने को समझने में उन्हें करीब दो साल लग गए.
उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं जानता था कि गेंद को कहां पिच करूं, पहले दो वर्षों में मैं यह नहीं समझ सका कि कब गेंद बाहर जाएगी और कब यह अंदर या फिर सीधी जाएगी. मैं हमेशा तेज गेंदबाजी करना चाहता था. जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ, मैंने तेज गेंदबाजी के बारे में काफी चीजें सीखीं. मैं जिस जगह से आता हूं, वह तेज गेंदबाजों को पैदा करने के लिए मशहूर नहीं है. मैं जानता था कि ऐसे कई गेंदबाज थे, जो 130-135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते थे. मैं जानता था कि अगर आप हर गेंद 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से करोगे, तभी आप कुछ अलग हो सकते हो और तभी आपको मौका मिल सकता है.
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