वॉशिंगटन : अमेरिकी चेतावनी के बाद भी उत्तर कोरिया द्वारा मिसाईल परीक्षण किया जा रहा था। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाने के लिए विभिन्न देशों से वोटिंग करवाई। यह वोटिंग उत्तर कोरिया को लेकर लगाए जाने वाले प्रतिबंध प्रस्ताव को लेकर की गई थी। इस वोटिंग में अधिकांश देशों ने उत्तर कोरिया के विरूद्ध वोटिंग की है। उत्तर कोरिया की ओर झुकने वाले चीन ने भी उत्तर कोरिया के विरूद्ध वोटिंग की है।
दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के 15 नागरिकों व 4 कंपनियों को प्रतिबंधित सूची में सम्मिलित कर लिया है। उत्तर कोरिया की विदेश खुफिया सेवा के प्रमुख का नाम इसमें सम्मिलित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने नियम जारी किए हैं कि यदि उत्तर कोरिया प्रतिबंध की बातें नहीं मानता है और उसके परीक्षण जारी रहते हैं तो फिर उस पर कड़ी कार्रवाई होगी। दूसरी ओर यह कहा गया है कि प्रतिबंधित सूची में जिन लोगों को शामिल किया गया है उनमें संपत्तियों को फ्रीज करने का नियम भी जारी किया गया है।
उत्तर कोरिया की विदेशी खुफिया सेवा के प्रमुख के नाम को इसमें शामिल किया गया है। इतना ही नहीं डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन प्योंगयांग पर दबाव बढ़ाने के उद्देश्य से उत्तर कोरिया की तेल आपूर्ति को प्रतिबंध के माध्यम से निशाना बनाना चाह रहा था। मगर इस तरह के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया। इसे मूलरूप से शामिल नहीं किया गया। गौरतलब है कि सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों के जवाब में संयुक्त राष्ट्र की ओर से तैयार प्रतिबंध संबंधित प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया।
मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षा परिषद पहले ही उत्तर कोरिया पर छह चरण के प्रतिबंध लगा चुका है और प्योंगयांग की ओर से एक के बाद एक कई मिसाइलों का परीक्षण किए जाने के बाद अमेरिका और उसके साझदेार देशों ने सख्त प्रतिबंधों की पैरवी की दूसरी ओर चीन ने पिछले सप्ताह स्पष्ट कर दिया था कि उत्तर कोरिया के साथ बातचीत फिर से शुरू करना और तनाव कम करना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
अमेरिका ने किया इंटरसेप्टर मिसाईल का परीक्षण, उत्तर कोरियाई चुनौती का सामना करने की तैयारी