येरूशलम। येरूशलम को इस्त्राइल की राजधानी की मान्यता दिए जाने के बाद, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका अलग हो गया है। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में सामने आई। दरअसल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की विशेष आपात बैठक में डोनाल्ड ट्रंप के इस्त्राइल में अमेरिकी दूतावास को, तेल अवीव से स्थानांतरित करने के निर्णय का विश्लेषण, किया गया।
जिसमें यूरोपीय देशों ने पवित्र शहर को लेकर, निर्णय लेने की बात कही। उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने येरूशलम को इस्त्राइल, की राजधानी की मान्यता दी थी। कुछ देश भी अमेरिका, के समर्थन में आगे आए थे। संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यों वाली, सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में फ्रांस, ब्रिटेन द्वारा अमेरिका के करीबी सहयोगी ट्रंप के निर्णय पर अमेरिका को सवालों के घेरे में लिया।
अमेरिका, को बुरी तरह से फटकारा गया। जब अमेरिका अलग-थलग हो गया तो संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने कहा कि, इस्त्राइल और फलस्तीन के बीच शांति स्थापित करने को लेकर प्रयास किए गए।
दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया को लेकर, कई तरह की कोशिशें की गईं। निक्की हेली ने इस्त्राइल और फलस्तीन के बीच, शांति प्रयासों को नुकसान पहुंचाने हेतु संयुक्त राष्ट्र को जवाबदार ठहराया था। निक्की हेली ने तो यूएन को इस्त्राइल को दुश्मन तक बता दिया।