नई दिल्ली: वेस्टइंडीज़ में हाल ही में हुए अंडर-19 वर्ल्डकप में भारत ने जीत दर्ज की है. भारत की युवा ब्रिगेड ने पांचवीं दफा इस खिताब को अपने नाम कर इतिहास रच दिया है. वर्ल्डकप खत्म होने के बाद, सभी टीमें अब अपने-अपने घरों को लौट रही हैं, मगर अफगानिस्तान की अंडर-19 टीम के साथ ऐसा नहीं हो रहा है. अफगानिस्तान की अंडर-19 टीम के प्लेयर वेस्टइंडीज़ से लौटते समय इंग्लैंड में रुक रहे हैं. वहीं, कुछ प्लेयर्स ने अब अफगानिस्तान वापस लौटने से ही इनकार कर दिया है, क्योंकि उनके देश में स्थिति सही नहीं हैं.
د افغانستان کرکټ بورډ تائید کړه چې د نولس کلنو څخه د ټیټ عمر د لوبډلې یو لوبغاړي او د بورډ درې کار کوونکي د بریتانیې پایتخت لندن ته تښتیدلي او هلته یې د پنا غوښتنه کړېhttps://t.co/Ol4V2J6d0O#Afghanistan#cricket#کرکټ
— Waheed Faizi (@imWaheedFaizi) February 7, 2022
ऐसे में कई खिलाड़ियों, स्टाफ ने मांग की है कि उन्हें इंग्लैंड में ही शरण दी जाए. बता दें कि अफगानिस्तान की टीम के लिए अंडर-19 वर्ल्डकप 2022 बहुत बेहतरीन रहा और टूर्नामेंट में टीम चौथे स्थान पर रही. ये अभी तक का सबसे बढ़िया प्रदर्शन है, मगर इस खुशी के मौके पर भी खिलाड़ी घर पर जाने से डर रहे हैं. अफगान मीडिया के अनुसार, टीम के कुछ खिलाड़ी, बोर्ड के कुछ अन्य मेंबर तब वेस्टइंडीज़ से रवानगी के बाद इंग्लैंड में लैंड किए, तब उन्होंने काबुल की फ्लाइट लेने से मना कर दिया. जिन खिलाड़ियों या स्टाफ ने यूके में शरण के लिए आवेदन किया है, उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं.
बता दें कि, ये पहली दफा है जब अफगानिस्तान अंडर-19 की टीम ने तब किसी बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है, जब देश में आतंकी संगठन तालिबान सत्ता में काबिज है. तालिबान ने गत वर्ष अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया था, उसके बाद अपनी सरकार चलाई जा रही है. तालिबान के शासन में ही अफगानिस्तान की सीनियर टीम टी-20 वर्ल्डकप 2021 में शामिल हुई थी. अफगानिस्तान के कई पूर्व खिलाड़ियों ने मांग की है कि जो लोग इंग्लैंड में रुके हैं, वह वापस आने का विचार करें क्योंकि वह देश के क्रिकेट का भविष्य हैं.
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