7 मार्च आयकर मंत्रालय ने एक 'प्रमुख' सर्राफा व्यवसायी एवं आभूषणों का कारोबार करने वाले दक्षिण भारत के 'सबसे बड़े' कारोबारी के परिसरों में छापेमारी की जिसमें एक हजार करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने रविवार को सूचना दी । बोर्ड ने हालांकि इस बात का खुलासा नहीं किया है कि किन किन कारोबारियों के परिसरों में छापेमारी की गई है। आयकर मंत्रालय की यह छापेमारी चेन्नई, मुंबई, कोयंबटूर, मदुरै, तिरूचिरापल्ली, त्रिसूर, नेल्लोर, जयपुर एवं इंदौर के 27 परिसरों में 4 मार्च की गई।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने दावा किया कि छापेमारी के दौरान 1.2 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी भी जब्त कर ली गई है। CBDT ने एक बयान जारी कर दावा किया कि सर्राफा व्यवसायी के परिसर से प्राप्त साक्ष्यों से इस बात से पर्दा उठ चुका है कि नकद बिक्री, फर्जी नकदी क्रेडिट, खरीद के लिए ऋण की आड़ में 'डमी' खातों में नकदी जन्म कर ली गई है। जंहा इस बारें में कहा गया है कि इसके अलावा नोटबंदी की अवधि के दौरान नकद जमा कराए जाने के संबंध में भी जानकारी मिली है।
मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) कर विभाग का प्रशासकीय प्राधिकार है। आभूषण विक्रेता के केस में यह पाया गया कि ''करदाता ने स्थानीय फाइनेंसरों से नकद ऋण लिया और उन्हें चुकाया, बिल्डरों को नकद ऋण दिया और अचल संपत्ति में नकद निवेशभी कर चुका है।''
बोर्ड ने यह भी दावा किया कि संबंधित कारोबारी ने बिना हिसाब-किताब के सोने की खरीद की थी।
इसने कहा है, ''छापेमारी में अब तक एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता चला है।''
उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु में छह अप्रैल को एक चरण में 234 सदस्यीय विधानसभा के लिये मतदान होना है।
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