नई दिल्ली : विपक्ष द्वारा नोटबंदी की आलोचना के बीच आर्थिक जगत के लिए यह खबर चौंकाने वाली है, कि स्थायी खाता संख्या यानी पैन कार्ड के आवेदनों में नोटेबंदी के बाद 300 फीसदी की वृद्धि हुई है . यह जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने दी.
इस बारे में बोर्ड के चेयरमैन सुशील चंद्र ने बताया कि नोटबंदी से पहले हर महीने करीब 2.5 लाख पैनकार्ड आवेदन आते थे, लेकिन सरकार के नोटबंदी के आदेश के बाद यह संख्या बढ़कर 7.5 लाख हो गई.स्मरण रहे कि सरकार ने गत वर्ष 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा कर 1000 और 500 के नोट बंद कर दिए थे.
उल्लेखनीय है कि पैन 10 अंक की एक अक्षर-अंक संख्या (अल्फान्यूमैरिक) होती है, जो आयकर विभाग किसी व्यक्ति या कंपनी को जारी करता है.इसका उपयोग आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए अनिवार्य किए जाने के बाद से पैन कार्ड बनाने का रुझान बढ़ा है अभी देश में करीब 33 करोड़ पैनकार्ड धारक हैं.चेयरमैन ने बताया कि कालेधन के खिलाफ विभाग कई कदम उठा रहा है. इनमें दो लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन पर रोक लगाना भी शामिल है.
यह भी देखें
आधार से हर चीज़ लिंक करना जरूरी
आयकर विभाग ने केडिया ग्रुप के ठिकानों पर छापा मारा