काबुल: यूनिसेफ ने अपनी हालिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी है कि अफगान में वर्ष 2021 के पूर्व छह माह में निरंतर हुई हिंसा की वजह से कम से कम 460 बच्चों की मौत हुई है। रिपोर्ट में चार लड़कियों और दो लड़कों सहित एक परिवार के नौ सदस्यों का क़त्ल का भी जिक्र किया गया है जो बृहस्पतिवार को हुए विस्फोट के दौरान मौत का शिकार हो गए थे। इस विस्फोट में 3 अन्य बच्चे गंभीर रूप से जख्मी हो गए। जहां इस बात का पता चला है कि चार दशकों के संघर्ष ने अफगान में हजारों लोगों के जीवन पर प्रभाव डाला है। नंगरहार में संघर्ष के बीच अपना पैर गंवाने वाले हिबतुल्लाह नाम के 6 वर्ष के लड़के ने कहा कि वह अब एक कृत्रिम पैर पर निर्भर है।
हिबतुल्लाह के पिता अब्दुल्ला ने बोला है कि नंगरहार में झड़प में मेरे बेटे को गोली लग गई थी। वह लंबे वक़्त तक हॉस्पिटल में भर्ती था और फिर उसका पैर भी काट कर अलग कर दिया गया। उन्होंने जोर देकर बोला है कि परिवार निराशा में डूब गया है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि उनका बेटा अब रेड क्रास द्वारा उपचार कर रहा है और (उन्होंने) उसके लिए एक कृत्रिम पैर बनाया है।
नंगरहार में रहने वाले थेरेपिस्ट मोहम्मद फहीम ने बोला है कि हर दिन उनके पास लाए जाने वाले 15 में से 10 बच्चे ब्रेन फ्रीज से पीड़ित थे। उन्होंने स्थिति को बहुत खतरनाक कहा है और ऐसी घटनाओं के लिए युद्ध को जिम्मेदार भी बोला है। यूनिसेफ ने भी अफगान बच्चों की स्थिति पर चिंता जाहिर कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूनिसेफ के संचार, प्रमुख सामंथा मोर्ट ने बोला है कि 'हम इस वर्ष अब तक विस्फोटक उपकरणों से मारे गए बच्चों की तादाद के बारे में भी चिंतित हैं। एक भी बच्चे की मौत दिल दहला देने वाली थी।' यूनिसेफ के मुताबिक अफगान बच्चे सालों से गरीबी और कुपोषण से जूझ रहे हैं।
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