नई दिल्ली: विधि आयोग के गठन के साथ ही समान नागरिक संहिता (UCC) का मुद्दा फिर सुर्ख़ियों में आ गया है. न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी के नेतृत्व वाले 22वें विधि आयोग को पिछले विधि आयोग के समय से लंबित UCC मुद्दे पर रिपोर्ट को जल्द अंजाम देना होगा, क्योंकि मामला शीर्ष अदालत में विचाराधीन है. जहां सरकार ने कहा था कि आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद ही वह आगे बढ़ेगा. 21वें विधि आयोग का कार्यकाल अगस्त, 2018 में UCC पर परामर्श पत्र जारी करने के साथ समाप्त हो गया था.
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में UCC को लेकर याचिकाएं निपटारे की बाट देख रही हैं. इन्हें खारिज करने की मांग करते हुए कानून और न्याय मंत्रालय ने हलफनामे में कोर्ट से कहा है कि जब भी इस मामले में विधि आयोग की रिपोर्ट मिलेगी. सरकार मामले में शामिल सभी हितधारकों के साथ परामर्श कर इसकी छानबीन करेगी. ऐसे में बताया जा रहा है कि हिजाब मामले पर फैसला देने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अवस्थी सरकार को UCC पर शीघ्र रिपोर्ट सौंपेंगे. जबकि 22वें आयोग के पास जल्द धर्मांतरण पर कानून, देश में घुसपैठ रोकने, समान शिक्षा नीति, जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा भी रिपोर्ट तैयार करने पहुंचेगा.
UCC से लेकर बढ़ती आबादी के मुद्दे पर शीर्ष अदालत में याचिकाकर्ता अश्वनी उपाध्याय का कहना है कि 4 मसलों पर याचिकाएं दो-तीन साल से शीर्ष अदालत में हैं, जबकि समान शिक्षा नीति का मामला 2020 से दिल्ली उच्च न्यायालय में है. अगली सुनवाई में वह सभी को विधि आयोग के पास भेजने की मांग करेंगे. उपाध्याय का कहना है कि आयोग की रिपोर्ट मौजूदा आवश्यकताओं में स्पष्टता लाएगी और सरकार को भी तेजी से कदम बढ़ाना होगा.
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