नई दिल्ली : मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट आज पेश होने जा रहाहै. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यह ऐतिहासिक बजट सुबह 11 बजे संसद में पेश करने के लिए तैयार है और इससे पहले गुरुवार को आर्थिक सर्वे जारी किया गया था, जिसमें मोदी सरकार की कामयाबियों को सराहते करते हुए भविष्य का रोडमैप भी बताया गया. हलांकि आर्थिक सर्वेक्षण में कई ऐसी बड़ी बाते आपको देखने को मिलने वाली हैं, जो कि देश के आर्थिक विकास के लिए चिंता और चुनौतियां लेकर आने वाली हैं.
आर्थिक सर्वेक्षण की माने तो, 2014 के बाद से औसत विकास दर 7.5% ही रही है, हालांकि पिछले साल यह कम होकर 6.8% रह गई थी. आर्थिक सर्वेक्षण में इस साल देश की आर्थिक विकास दर का अनुमान भी 7% ही रखा है. भारत को 2024-25 तक 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था यदि बनना है, तो 8% की विकास दर की जरूरत पड़ेगी.
बता दें कि देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति वी. सुब्रमण्यम द्वारा कहा गया है कि देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत को अगले पांच साल के दौरान आठ फीसदी आर्थिक विकास दर की दरकार होगी और उन्होंने साथ ही कहा है कि इसी के मद्देजनर आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 में प्रमुख संचालक के रूप में निवेश पर भी जोर दिया है. साथ ही सरकार कम लिए कृषि क्षेत्र एक बड़ी चिंता का विषय है और कृषि क्षेत्र में धीमापन और सर्विस सेक्टर की ग्रोथ में गिरावट विकास दर ना बढ़ने की अहम वजहों में एक बताई जा रही है.
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