वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश कर सकती हैं। अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेतों के बीच देश के मिडिल क्लास को इस बजट से बहुत अधिक उम्मीदें हैं। बीते साल सितंबर में केंद्र सरकार द्वारा Corporate Tax में भारी कटौती के बाद से ही लोग आगामी बजट में Income Tax में छूट की उम्मीद कर रहे हैं। टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के बाद से ही व्यक्तिगत आयकर में छूट की मांग बार बार उठ रही है। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि सरकार टैक्स स्लैब में कमी के साथ कई ऐसे फैसले कर सकती है, जिससे भारत के मध्यम वर्ग को काफी राहत मिल सकती है। फ़िलहाल , कुछ एक्सपर्ट टैक्स कलेक्शन में भारी कमी को देखते हुए बहुत ज्यादा छूट को लेकर ज्यादा आश्वस्त नजर नहीं आते हैं।
आयकर स्लैब को व्यवहारिक बनाने की उम्मीद
Tax Expert बलवंत जैन को उम्मीद है कि सरकार आगामी बजट में डिमांड बढ़ाने के लिए आयकर स्लैब को ज्यादा व्यवहारिक बनाने की घोषणा कर सकती है। उनके अनुसार छूट की सीमा तो ढाई लाख ही रहेगी क्योंकि सरकार चाहती है कि ज्यादा-से-ज्यादा लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते है। फिलहाल , इस बात की उम्मीद बहुत ज्यादा है कि 5 लाख-10 लाख रुपये आय वर्ग के लिए आयकर की दर को 20 फीसद से घटाकर 10 फीसद कर दिया जाए। इससे लोगों के पास खर्च करने के लिए अतिरिक्त राशि मिल जाएगी और डिमांड में तेजी आ सकती है।
फिलहाल , QDIGI Services Limited के बिजनेस फाइनेंस के प्रमुख आनन्द बर्धन इस बात से बहुत सहमत नजर नहीं आते हैं। बकौल बर्धन इस साल टैक्स कलेक्शन बहुत कम रहा है, ऐसे में व्यक्तिगत आयकर कटौती की उम्मीदें धूमिल होती नजर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का बहुत अधिक लाभ सरकार को इंडस्ट्री की ओर से नहीं हो मिल सका है। ऐसे में आयकर में छूट की उम्मीद बहुत कम नजर आ रही है। उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष में टैक्स कलेक्शन 2.5 ट्रिलियन रुपये (2,500 अरब रुपये) रहने का अनुमान है, जिसकी वजह से सरकार अपने खर्च में दो हजार अरब रुपये की कमी कर सकती है।
EPF खाते में नाम, जन्म तिथि और पर्सनल डिटेल में हो सकता है ऑनलाइन परिवर्तन
आयातित प्याज खरीदने से बचने लगे राज्य, ‘नो प्रॉफिट, नो लॉस’ पर बेचीं जाएगी
Share Market: गिरावट के साथ खुला बाजार, शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 100 और निफ्टी 40 अंक नीचे